महाराष्ट्र चुनाव की तारीख पर संजय राउत ने उठाए सवाल, कहा- ये बीजेपी की चाल है
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीख पर सवाल उठाते हुए संजय राउत ने कहा बीजेपी MVA को सत्ता में वापस आने से रोकने के लिए यह कदम उठा रही है।
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा के चुनाव होने हैं। इसके मद्देनजर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। शिवसेना-यूबीटी नेता संजय राउत ने रविवार को आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की ओर से महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के लिए केवल 48 घंटे का समय निर्धारित किया जाना बीजेपी की चाल है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महा विकास आघाड़ी (MVA) सरकार बनाने का दावा करने में असमर्थ हो जाए।
बता दें कि मौजूदा महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। राज्य में 20 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया, "अमित शाह के साथ-साथ बीजेपी ने यह स्वीकार कर लिया है कि पार्टी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाएगी। ऐसा लगता है कि महा विकास आघाड़ी को सरकार बनाने के बारे में चर्चा करने और फैसला लेने के लिए समय समिति करने की रणनीति है। अगर MVA के घटक दावा करने में विफल रहते हैं, तो राज्यपाल छह माह के लिए राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करेंगे।"
"सरकार बनाने के लिए केवल 48 घंटे होंगे"
उन्होंने दावा किया कि बीजेपी MVA को सत्ता में वापस आने से रोकने के लिए यह कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, "इसके अलावा, भारत निर्वाचन आयोजन ने चुनाव कार्यक्रम इस तरह तय किए हैं कि यह MVA के प्रभावी रूप से सरकार बनाने के अवसर को सीमित कर देता है।" शिवसेना-यूबीटी नेता ने यह भी कहा कि मतगणना 23 नवंबर को होगी, जिसका मतलब है कि एमवीए के घटक दलों- शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) और अन्य छोटे दलों के पास सरकार बनाने के लिए केवल 48 घंटे होंगे। उन्होंने कहा, यह सही नहीं है।
EC और एकनाथ शिंदे पर लगाया आरोप
राउत ने आरोप लगाया, "चुनाव आयोग का यह कदम बीजेपी प्रवक्ता के समान है। आयोग EVM का समर्थन करता है, लेकिन जब हम हरियाणा चुनावों में इन मशीनों के साथ कथित छेड़छाड़ के बारे में कहते हैं तो यह चुप्पी साध लेता है। आयोग ने लोकसभा चुनावों के दौरान धन के दुरुपयोग की शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की थी।" संजय राउत ने दावा किया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य के चुनावों के ऐलान से ठीक पहले लगभग 200 विधानसभा क्षेत्रों में 15 करोड़ रुपये वितरित करने का फैसला किया और यह सरकार का धन था। (भाषा इनपुट)
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