भगवान गणेश और माता लक्ष्मी का फोटो नोट पर छपने को लेकर कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि वह भाजपा और RSS के दिखाए रास्ते और उनकी सोच को फॉलो कर रहे हैं इसलिए वह महात्मा गांधी के महत्व को खत्म करने पर तुले हुए हैं। केजरीवाल का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है। निराशा और बौखलाहट उनके बयानों से झलक रहा है इसलिए वह अब इस तरह के बयान देकर अपने आपको बड़ा हिंदुत्ववादी दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। मुम्बई में बहुत से बुध्दिजीवी केजरीवाल को पसंद करते थे लेकिन अब वो सभी बेहद निराश हैं।
केजरीवाल PM बनने का देख रहे सपना
अरविंद केजरीवाल वो नेता थे जिनसे लोगों को बहुत उम्मीद थी लेकिन वो अब एक हताश और निराश नेता की तरह बयान दे रहे है। डेढ़ राज्य में सरकार बनाने के बाद वो पीएम बनने का सपना देख रहे हैं। उन्हें लगता है कि कोंग्रेस को साइड करके को राजनीति कर लेंगे और बीजेपी का विकल्प बन जाएंगे। केजरीवाल इस समय बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं।
नोट पर गांधी के फोटो के आलावा कोई भी दूसरा विकल्प नहीं
जिस तरह भगवान गणेश और माता लक्ष्मी का फोटो नोट पर डालने की बात कह रहे है। भगवान हमारे दिल में हैं। कोई भी बाबासाहेब या छत्रपति का विरोध नही कर रहा लेकिन अगर इस तरह की मांगों पर ध्यान देने लगेंगे तो हर नेता अपने आराध्य या महापुरुष के फोटो नोट पर लगाने कहेगा। कल को बीजेपी प्रभु राम का फोटो लगाने की मांग करेंगे। यह सही नहीं है। महात्मा गांधी की फोटो ही नोट पर रहना चाहिए। उनका कोई विकल्प नहीं है और किसी और की फोटो नोट पर लगाने की जरूरत नहीं है।
शिंदे गुट के विधायक मंत्रीपद के लालच में उद्धव का साथ छोड़कर गए -संजय निरुपम
शिंदे जो अपने विधायकों को लेकर अलग हुए थे। यह सभी मंत्रिपद के लालच में अलग हुए थे बस इनका और कोई मकसद नहीं था। अब बीजेपी और शिंदे गुट में कुल 150 विधायक हैं सभी मंत्री नहीं बन सकते। ऐसे में आपस के झगड़े में ही इनकी सरकार गिरेगी और जो कैबिनेट विस्तार की बात कही जा रही वह इसलिए की जा रही क्योंकि जो नाराज हैं वह साथ न छोड़े और मंत्रिपद की लालच में बने रहें लेकिन आनेवाले समय में शिंदे गुट के पास बीजेपी में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। ऐसा भी हो सकता है कि भविष्य में सीएम एकनाथ शिंदे ही बीजेपी में शामिल हो जाएं। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।
बच्चू कड़ू और रवि राणा के विवाद पर बोले संजय निरुपम
बच्चू कड़ू और रवि राणा बहुत छोटे नाम है। इसके विरोध से सरकार को कुछ नहीं होगा लेकिन यह देखना होगा कि क्या यह बीजेपी के इशारे पर तो यह सब नहीं कर रहे। अब यह सीएम और डिप्टी सीएम को देखना है कि इन दोनों का विवाद कैसे खत्म होगा।