मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समीर वानखेड़े ने हाईकोर्ट का किया रुख, लगाए ये आरोप
समीर वानखेड़े की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सीबीआई के बाद अब ईडी ने समीर वानखेड़े के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर लिया है। वहीं अब ईडी द्वारा मामला दर्ज किए जाने के बाद समीर वानखेड़े ने हाईकोर्ट का रुख किया है।
मुंबई: एनसीबी मुबंई के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े ने उनके खिलाफ ईडी द्वारा दर्ज किये गए मनी लॉन्ड्रिंग मामले के खिलाफ बंबई हाईकोर्ट का रुख किया है। उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया कि उनके द्वारा एनसीबी के वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद बदले की भावना से यह मामला दर्ज किया गया है। ईडी ने मादक पदार्थ संबंधी मामले में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे को बरी करने के लिए उनके परिवार से कथित तौर पर 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के संबंध में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर संज्ञान लेते हुए यह मामला दर्ज किया। भारतीय राजस्व सेवा में सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर काडर के 2008 बैच के अधिकारी वानखेड़े ने अपनी याचिका में कहा कि ईडी का मामला दुर्भावना और प्रतिशोध से युक्त है।
हाईकोर्ट से लगाई गुहार
अधिवक्ता करण जैन, स्नेहा सनप और आदित्य तड़गे के माध्यम से 6 फरवरी को दायर याचिका में ईडी के मामले को रद्द करने और उन्हें किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान करते हुये एक अंतरिम आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। वानखेड़े ने यह भी अनुरोध किया है कि जब तक सीबीआई के मामले के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई और फैसला नहीं हो जाता, तब तक ईडी द्वारा की जा रही जांच पर रोक लगा दी जाए। सीबीआई और ईडी के खिलाफ उनकी याचिकाएं सुनवाई के लिए 15 फरवरी को न्यायमूर्ति पी. डी. नाइक की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पेश की जा सकती हैं। वानखेड़े को सीबीआई मामले में पिछले साल उच्च न्यायालय की ओर से दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की गई थी।
शिकायत की जांच करने में विफल रही पुलिस
वानखेड़े ने ईडी मामले के खिलाफ दायर याचिका में दावा किया कि ईसीआईआर (प्रवर्तन सूचना रिपोर्ट) पिछले साल दर्ज की गई थी, जबकि वानखेड़े द्वारा पिछले माह दिल्ली की एक अदालत में एनसीबी के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग को लेकर शिकायत दर्ज कराने के बाद अब जाकर मादक पदार्थ रोधी एजेंसी के कई अधिकारियों को समन जारी किया गया है। वानखेड़े ने दावा किया कि दिल्ली और मुंबई पुलिस दोनों ही सिंह के खिलाफ उनकी शिकायत की जांच करने में विफल रहीं, ऐसे में उन्हें दिल्ली में अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा। दिल्ली की एक अदालत ने 6 फरवरी को दक्षिण पश्चिम दिल्ली के पुलिस उपायुक्त को नोटिस जारी कर वानखेड़े की शिकायतों पर की गई कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।
फंसाने के लिए एजेंसियों का किया जा रहा इस्तेमाल
वानखेड़े ने ईडी के मामले के खिलाफ दायर अपनी याचिका में कहा कि सिंह और सत्ता में बैठे कुछ प्रभावशाली लोगों ने किसी मामले में फंसाने के लिए सीबीआई, ईडी और एनसीबी जैसी सभी एजेंसियों को उनके पीछे लगा दिया। याचिका में कहा गया है कि ‘‘याचिकाकर्ता (वानखेड़े) द्वारा जनवरी 2024 में आईपीएस अधिकारी ज्ञानेश्वर के खिलाफ दायर शिकायत का बदला लेने के लिए ईडी की ओर यह मामला दर्ज किया गया।’’ इसमें यह भी आरोप लगाया कि वानखेड़े को एक फोन कॉल आया था जिसमें उन्हें सिंह के खिलाफ दी गई शिकायतें वापस लेने और आईआरएस अधिकारी के पद से इस्तीफा देने की धमकी दी गई।
(इनपुट- भाषा)
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