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Hindi News महाराष्ट्र समीर वानखेड़े को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत, CBI 8 जून तक नहीं कर सकेगी गिरफ्तार

समीर वानखेड़े को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत, CBI 8 जून तक नहीं कर सकेगी गिरफ्तार

इस मामले की सुनवाई जस्टिस अभय आहूजा और जस्टिस एम एम साठे कर रहे हैं। इस मामले में सीबीआई ने कहा है कि वह अभी IPC एक्ट के 17a को लेकर हलफनामा दायर नहीं कर पायी है। 17a पर NCB ने हलफनामा दायर किया है। इस मामले में जांच एजेंसी और टाइम चाहती है

Sameer Wankhede, Mumbai, High Court, Aryan Khan, Shah Rukh Khan, Bombay High Court, CBI, NCB- India TV Hindi Image Source : FILE समीर वानखेड़े

मुंबई: आर्यन खान मामले में समीर वानखेड़े के 25 करोड़ रुपए मांगने मामले में सीबीआई की जांच के खिलाफ समीर वानखेड़े बॉम्बे हाईकोर्ट गए हैं। यहां उनकी याचिका पर सुनवाई जस्टिस अभय आहूजा और जस्टिस एम एम साठे कर रहे हैं। इस मामले में सीबीआई ने कहा है कि वह अभी PC एक्ट के 17a को लेकर हलफनामा दायर नहीं कर पायी है। 17a पर NCB ने हलफनामा दायर किया है। इस मामले में जांच एजेंसी और टाइम चाहती है लेकिन अरेस्ट से अंतरिम राहत को खत्म करना चाहती है। सीबीआई के वकील का कहना है कि अंतरिम राहत की वजह से सबूतों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है।

कोर्ट ने वाट्सएप चैट मीडिया में लीक होने पर जताई आपत्ति

वहीं सीबीआई की इन दलीलों  के बाद समीर वानखेड़े के वकील का कहना है कि वो लिखित में दे सकते हैं कि सबूतों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। इसके साथ ही जज ने वाट्सएप चैट मीडिया में लीक होने पर आपत्ति जताई। जिस पर समीर वानखेड़े के वकील ने कहा कि वह मीडिया में नहीं गए हैं। बता दें कि वाट्सएप चैट याचिका का ही हिस्सा हैं। समीर वानखेड़े के वकील ने कोर्ट को बताया कि इस मामले की जांच 25 अक्टूबर 2021 से चल रही है। 

मैं हर तारीख पर सीबीआई के सामने पेश हुआ 

वहीं वाट्सएप चैट को याचिका में लगाने पर समीर वानखेड़े की तरफ से कहा गया है कि मुझ पर आरोप हैं कि मैंने किसी से पैसे मांगे। इसीलिए उस शख्स के साथ चैट लगाए गए हैं। इसके साथ ही उस दौरान साड़ी कार्रवाई एजेंसी के सीनियर अफसरों की जानकारी में हो रही थी इसीलिए वो चैट भी लगाए गए हैं। उनके वकील ने कहा कि सीबीआई ने 18 मई को बुलाया, जिसके बाद हम दिल्ली हाइकोर्ट गए। दिल्ली हाइकोर्ट ने कहा कि आप बॉम्बे हाइकोर्ट जाइए। हम 19 को बॉम्बे हाइकोर्ट आ गए। शनिवार, रविवार को बुलाया गया, जहां मैं गया भी। बुधवार को बुलाया गया है मैं फ़िर जाऊंगा। 

 ये एक इंटरडिपार्टमेंटल राइवलरी- वानखेड़े के वकील  

वानखेड़े के वकील ने कोर्ट में कहा कि  NCB का हलफनामा कहता है कि हमें 11मई 2023 को जांच की अनुमति मिली है। इसमें कहा गया है कि हमने 11 मई से 21 दिन पहले MHA से जांच की अनुमति मांगी थी। 11 मई को अनुमति मिली। वहीं CAT ने पहले ही आदेश दे रखा है कि इन आरोपों के आधार पर वानखेड़े पर उनको सुने बिना कोई एक्शन ना लें, यहां तक कि डिपार्टमेण्ट भी कोई एक्शन ना ले। वानखेड़े के वकील ने कोर्ट में कहा है कि ये एक इंटरडिपार्टमेंटल राइवलरी है।

गिरफ्तारी को लेकर जांच अधिकारी करेगा फैसला- सीबीआई 

वहीं जब वानखेड़े के वकील ने कोर्ट में कहा कि कार्रवाई के दौरान आर्यन खान के पिता शाहरुख़ खान ने उनकी तारीफ़ की और उन्हें अपराइट अफसर कहा था। इस पर सीबीआई के वकील ने कहा कि ये चैट्स जब आरोपी गिरफ्तार था तब के हैं। ये चैट्स ये पिता के तौर पर किया गया था। आज वानखड़े इसी चैट्स को अपनी बेगुनाही का सर्टिफिकेट बता रहे हैं। जिस पर जज ने कहा कि आज इस बात पर बहस कीजिए की इनको अरेस्ट करने की ज़रूरत है या नहीं। जिसके बाद सीबीआई ने कहा कि अरेस्ट करना या नहीं  करना IO का डिसिजन होता है।

IO के अधिकार को prejudiced नहीं कर सकते- सीबीआई 

इस पर पीठ ने कहा कि क्या आप इस कोर्ट के शुक्रवार के आर्डर को चैलेंज कर रहे हैं? जज ने कहा कि आप यही चाहते हैं ना कि जब आप बुलाये तो ये जांच के लिए आएं और सबूतों के साथ छेड़छाड़ ना करें। अगर ये लिख कर दे दें तो क्या दिक्कत है? जिस पर सीबीआई के वकील ने कहा कि लेकिन IO के अधिकार को prejudiced नहीं कर सकते हैं। वहीं NCB के वकील ने कहा कि SET की जांच PC एक्ट के तहत नहीं चल रही थी। 17A पिक्चर में तब आता है जब PC एक्ट के तहत जांच करनी होती है। वहीं सीबीआई ने अपना रिप्लाई फ़ाइल करने के लिए दो हफ़्ते का वक़्त मांगा है।

8 जून को होगी मामले की अगली सुनवाई 

सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस अभय आहूजा और जस्टिस एम एम साठे की बेंच ने कहा कि इस मामले में अब अगली सुनवाई 8 जून को होगी और 3 जून तक सीबीआई रिप्लाई फ़ाइल करे और 8 जून तक वानखड़े के वकील काउंटर फ़ाइल करें। वहीं कोर्ट ने समीर वानखेड़े का अरेस्ट प्रोटेक्शन अगली तारीख तक बढ़ा दिया है और कोर्ट ने कहा कि इस दौरान वानखेड़े मीडिया में नही जा सकते हैं। उन्हें इस बात की अंडरटेकिंग देनी पड़ेगी और जांच एजेंसी उन्हें जब भी बुलायेगी उन्हें जांच में शामिल होना पड़ेगा।