जबरन वसूली मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी सचिन वाजे को मिली जमानत, फिलहाल जेल में ही रहना होगा
मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को जबरन वसूली मामले में जमानत मिल गई है। एक बिजनेसमैन की शिकायत के आधार पर सचिन वाज़े के ख़िलाफ़ मुंबई के गोरेगांव पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज हुई थी।
मुंबई: मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को जबरन वसूली मामले में मुंबई की सेशन कोर्ट से जमानत मिल गई है। हालांकि अन्य दूसरे मामले में अभी वाजे को जमानत नहीं मिली है इसलिए फिलहाल उसे जेल में ही रहना होगा। व्यापारी विमल अग्रवाल की शिकायत के आधार पर सचिन वाज़े के ख़िलाफ़ मुंबई के गोरेगांव पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज हुई थी। यह मामला आगे चलकर CBI को जांच के लिए सौंप दी गई थी। व्यापारी विमल अग्रवाल ने शिकायत की थी कि कोविड काल में होटल चलाने के लिये वाजे कुछ लोगों के साथ मिलकर लोगों से वसूली करता था। उस FIR में उस समय के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह , गैंगस्टर रियाज भाटी , सुमित सिंह और अल्पेश पटेल को आरोपी बनाया गया था। इस मामले में जांच के दौरान सचिन वाजे , सुमित सिंह और कल्पेश पटेल को गिरफ़्तार किया गया था। परमबीर लिंह और रियाज भाटी की गिरफ़्तारी नहीं हुई थी, कुछ दिन पहले सुमित सिग और अलपेश पटेल को जमानत मिल गयी है और आज सचिन वाजे को 2 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिली है।
वाजे के ख़िलाफ़ कुल चार केस दर्ज
आपको बता दें की वाजे के ख़िलाफ़ कुल चार मामले दर्ज हैं जिनमे से दो मामले की जांच CBI कर रही है, एक मामले की जांच NIA और एक मामले की जांच ED कर रही है । वाजे को अबतक दो मामलो मे जमानत मिल चुकी है और वो एक मामले मे गवाह बन गया है। वाजे फ़िलहाल NIA के मामले में जेल में जहां से जमानत अभी तक नहीं मिली है इस वजह से वाज़े को अब भी जेल में ही रहना होगा।
नवंबर 2021 में गिरफ्तार हुआ था वाजे
वाजे इस समय उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के बाहर एक कार से विस्फोटकों की बरामदगी के मामले में और प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई के अधीन जांच वाले अन्य मामलों में न्यायिक हिरासत में है। वाजे को नवंबर 2021 में जबरन वसूली मामले में गिरफ्तार किया गया था। वाजे की वकील आरती केलकर ने बताया कि विशेष न्यायाधीश एस यू हाके ने वाजे की जमानत याचिका मंजूर कर ली। विशेष अदालत के समक्ष दायर अपनी याचिका में, वाजे ने दलील दी कि वह उन अपराधों का आरोपी है जिसके लिए अधिकतम सजा तीन साल है।
वाजे ने याचिका में कहा कि चूंकि उसने विचाराधीन कैदी के रूप में आधी से अधिक सजा काट ली है, वह दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के तहत जमानत का हकदार है। सीबीआई ने याचिका का विरोध किया और अदालत को बताया कि वाजे के खिलाफ लगाए गए आरोपों में 10 साल तक की सजा हो सकती है। सीबीआई ने कहा कि वाजे नवंबर 2021 से (इस मामले में) न्यायिक हिरासत में है, इसलिए, यह स्पष्ट है कि आरोपी अपराध के लिए निर्धारित सजा की अधिकतम अवधि के आधे समय तक हिरासत में नहीं रहा है। (इनपुट-भाषा)