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Hindi News महाराष्ट्र उद्धव गुट की ऋतुजा लटके मुंबई के अंधेरी ईस्ट से जीतीं, दूसरे नंबर पर रहा नोटा

उद्धव गुट की ऋतुजा लटके मुंबई के अंधेरी ईस्ट से जीतीं, दूसरे नंबर पर रहा नोटा

मुंबई की अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सबसे दिलचस्प बात ये है कि दूसरे नंबर पर नोटा को वोट पड़े, जिसकी खूब चर्चा हो रही है। नोटा के नाम 12 हजार 776 वोट पड़े। तीसरे नंबर पर निर्दलीय राजेश त्रिपाठी रहे।

अंधेरी ईस्ट सीट से जीतीं ऋतुजा लटके- India TV Hindi Image Source : ANI अंधेरी ईस्ट सीट से जीतीं ऋतुजा लटके

मुंबई की अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट की ऋतुजा लटके ने जीत हासिल की है। उन्होंने भारी मतों से जीत दर्ज की है। ऋतुजा लटके को कुल 66 हजार 247 वोट पड़े। हालांकि, सबसे दिलचस्प बात ये है कि दूसरे नंबर पर नोटा को वोट पड़े, जिसकी खूब चर्चा हो रही है। नोटा के नाम पर 12 हजार 776 वोट पड़े, जिससे छह अन्य निर्दलीय उम्मीदवार बहुत पीछे रह गए। तीसरे नंबर पर निर्दलीय राजेश त्रिपाठी रहे। उन्हें 1 हजार 569 वोट मिले हैं। 

मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव से पहले यह जीत ठाकरे गुट के लिए उत्साह बढ़ाने वाली है। इसकी बड़ी वजह यह है कि शिवसेना में टूट के बाद शिवसेना का नाम और इसका चुनाव चिन्ह धनुषबाण चला गया था। उद्धव ठाकरे के गुट का नाम शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे रखा गया और नया चुनाव चिन्ह मशाल था। कम समय में एक नए चुनाव चिन्ह के साथ ठाकरे गुट ने यह चुनाव जीत लिया है। 

बीजेपी ने अपने उम्मीदवार की अर्जी वापस ली थी

हालांकि, बीजेपी के चुनावी दौड़ से अपने उम्मीदवार का नाम वापस लेने से यह चुनाव महज औपचारिकता भर रह गया था। बीजेपी ने दिवंगत विधायक रमेश लटके की विधवा ऋतुजा लटके के समर्थन में अपने उम्मीदवार की अर्जी वापस ले ली थी। वहीं, शिंदे गुट ने पहले ही बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में अपने उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया था। शिवसेना के रमेश लटके ने अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट का दो बार प्रतिनिधित्व किया था। साल 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने 56 सीट पर जीत हासिल की थी। इस साल मई में रमेश लटके के निधन के कारण यह संख्या घटकर 55 रह गई थी। 

शिवसेना में टूट के बाद यह पहला चुनावी मुकाबला 

गौरतलब है कि जून में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 40 शिवसेना विधायकों ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया था, जिसके बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार (MVA) गिर गई थी। इसके बाद शिंदे बीजेपी के साथ गठबंधन में मुख्यमंत्री बने। एमवीए सरकार के गिरने के बाद महाराष्ट्र में यह पहला चुनावी मुकाबला है। एमवीए के घटक दल-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस, दोनों ने ऋतुजा लटके की उम्मीदवारी का समर्थन किया था।