मुंबई: महाराष्ट्र में मंदिर खोलने को लेकर हुए विवाद पर कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि सच यह है कि अब धर्म स्थल खुलने चाहिए। इसमें राज्यपाल महोदय बिना वजह हिंदुत्व लेकर आ गए। उन्होनें कहा कि थिएटर खुल रहे हैं। रेस्टोरेन्ट्स खुल गए हैं। मॉल चल रहे हैं। फिर मंदिर,मस्जिद,चर्च सन्नाटे में क्यों रहें? आखिर कब तक? उनके लिए विशेष प्रोटोकॉल बनाए जाने चाहिए। बेचारे पुजारियों का हाल खस्ता है।
दरअसल महाराष्ट्र में मंदिर खोलने जाने को लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच में टकराव देखने को मिल रहा है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से नवरांत्र और त्यौहारों को देखते हुए राज्य में मंदिर खोलने के लिए कहा था और पत्र लिखा था। मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पत्र के जवाब में कहा है कि सरकार धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर तो विचार कर रही है लेकिन जैसे एकदम लॉकडाउन करना गलत था वैसे एकदम अनलॉक करना भी गलत होगा। साथ में उद्धव ठाकरे राज्यपाल को यह भी कह दिया कि उन्हें हिंदुत्व का सर्टिफिकेट राज्यपाल से लेने की जरूरत नहीं है।
उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल के पत्र के जवाब में कहा कि "आपने मुझे हिंदुत्ववादी कहा वो सही है पर मुझे आपके हिंदुत्व के सर्टिफिकेट की जरूरत नही है। धार्मिक स्थलों को नही खोला तो सेक्युलर और खोल दिया तो हिंदुत्ववादी यही आप की सोच है क्या?"
इससे पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर राज्य में धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए कहा था। राज्यपाल ने अपने पत्र में कहा था कि पहली जून से आपने मिशन फिर से शुरू करने का ऐलान किया था लेकिन 4 महीने बीत चुके हैं और अभी तक पूजा के स्थल नहीं खुले हैं।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कहा कि यह विडंबना है कि जहां एक ओर सरकार बार और रेस्टोरेंट खोल रही है, लेकिन दूसरी तरफ देवी और देवताओं के स्थल को नहीं खोले गए हैं। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को कहा था कि आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं और आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति व्यक्त की है। महाराष्ट्र में आज भारतीय जनता पार्टी मंदिरों को खोलने के लिए साधू संतों के साथ मिलकर आंदोलन भी कर रही है।