महाराष्ट्र में लागू हो राष्ट्रपति शासन, आठवले ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखा पत्र
महाराष्ट्र के राज्यसभा सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने एक बार फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग उठाई है।
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के राज्यसभा सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने एक बार फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग उठाई है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर सौ करोड़ रुपये वसूली का आरोप लगने पर केंद्रीय मंत्री आठवले ने सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की दिशा में कार्रवाई की मांग की है। मोदी सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में महाराष्ट्र को लेकर पांच प्रमुख मुद्दे उठाए हैं।
उन्होंने कहा है कि 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से लैस कार बरामद होती है। जिसकी जांच एनआईए और एटीएस कर रही है। इस बीच मुंबई के कमिश्नर पद से हटाए गए परमवीर सिंह का पत्र सामने आता है, जिसमें वह गृहमंत्री अनिल देशमुख पर सौ करोड़ रुपये वसूली का सचिन वाजे को टारगेट देने का आरोप लगाते हैं। महाराष्ट्र सरकार के लिए यह बहुत शर्मनाक घटना है।
केंद्रीय राज्य मंत्री आठवले ने कहा है कि इन सब हालात को देखते हुए पता चलता है कि महाराष्ट्र में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। कानून-व्यवस्था फेल हो चुकी है। आठवले के मुताबिक, कानून व्यवस्था ही नहीं बल्कि कोविड 19 प्रबंधन के मोर्च पर भी महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार फेल है। कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस नाते महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत है।
परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका
परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। अपनी याचिका में उन्होंने महाराष्ट्र के गृह मंत्री के कथित भ्रष्टाचार की सबूत नष्ट होने से पहले जांच की मांग की है। याचिका में परमबीर सिंह ने गृह मंत्री अनिल देशमुख के ऊपर आरोप लगाया है कि फरवरी में उन्होंने क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के सचिन वाजे और अन्य अधिकारियों तथा सोशल सर्विस ब्रांच के एसीपी संजय पाटिल के साथ मुलाकात की थी और उन्हें 100 करोड़ रुपए की उगाही का निर्देश दिया था।
अपनी याचिका में परमबीर सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि अनिल देशमुख पुलिस विभाग के तबादलों में भ्रष्टाचार करते थे और इस मुद्दे को उठाने वाली महिला अधिकारी हटाया गया था। याचिका में परमबीर सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि अनिल देशमुख कई मामलों में चल रही जांच में हस्तक्षेप करते थे और उस तरह से जांच करने के लिए बोलते थे जिस तरह वे खुद चाहते थे। याचिका में परमबीर सिंह ने यह भी बताया कि उन्होंने अनिल देशमुख के कथित भ्रष्टाचार के बारे में सारी जानकारी वरिष्ठ नेताओं और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को भी दी थी और ऐसा करने के बाद ही 17 मार्च को उनका तबादला कर दिया गया।
मुंबई में मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक मिलने और जिस गाड़ी में विस्फोटक था उसके मालिक हंसमुख हिरेन की हत्या होने को लेकर महाराष्ट्र की पुलिस और सरकार पर कई सवाल उठ रहे थे और महाराष्ट्र सरकार ने 17 मार्च को परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया था। पद से हटने के 2 दिन बाद परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने गृह मंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि पुलिस अधिकारियों की मदद से गृह मंत्री हर महीने 100 करोड़ रुपए की उगाही करवा रहे हैं।