भगवान राम की पावन जन्मभूमि अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राणप्रतिष्ठा की जाएगी। अब जैसे-जैसे यह दिन नजदीक आता जा रहा है, देश में लोगों की भक्ति परवान चढ़ रही है। हर भक्त 22 जनवरी के दिन को ऐतिहासक और यादगार बनाने के लिए बढ़-चढ़ कर इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रहा है। इसी कड़ी में संतों की भूमि महाराष्ट्र में एक बड़ा फैसला लिया गया है। इसके मुताबिक 22 जनवरी को महाराष्ट्र के सभी मंदिरों में दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ राम नाम का जप भी किया जाएगा।
किसने लिया यह महत्वपूर्ण फैसला?
महाराष्ट्र में हिंदू मंदिरों से जुड़ी सबसे बड़ी संस्थाओं में से एक महाराष्ट्र मंदिर महासंघ ने पुणे में महाराष्ट्र मंदिर न्यास का आयोजन किया था। इस बैठक में 650 से भी अधिक मंदिरों के प्रतिनिधि और साधू-संत पहुंचे थे। इसी दौरान यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। इस फैसले के अलावा कुछ और फैसले भी लिए गए। यहां पढ़ें वो फैसलें:
1. राज्य के 264 मंदिरों में वंस्त्रसंहिता (lineage code) लागू किया जाएगा।
2. राज्य के 12 मंदिरों में धर्म शिक्षा की शुरूआत होगी और 10 मंदिरों में धार्मिक किताबों की प्रदर्शनी की जाएगी।
इन विषयों पर भी उठी मांग
पुणे में आयोजित इस बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर बात हुई। बैठक के दौरान कुछ संतों द्वारा कई मांगे भी उठाई गई। ये मांगे निम्नलिखित हैं:
1. महाराष्ट्र के सभी पौराणिक और ऐतिहासिक मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जाए।
2) प्रमुख तीर्थ क्षेत्र और मंदिरो के 500 मीटर परिसर में मांस और शराब की बिक्री पर रोक लगाई जाए।
3) राज्य के सभी मंदिरों को सरकार मुक्त किया जाए और इन्हें चलाने के लिए हिंदू बोर्ड का गठन किया जाए।
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