मुंबई: महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को कहा कि राज्य में कोविड-19 के दैनिक मामलों की संख्या 8,000 के स्तर से नीचे नहीं आना चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि वायरस के डेल्टा प्लस स्वरूप के एक अध्ययन से संकेत मिला है कि यह पिछले स्वरूपों से अधिक खतरनाक हो सकता है।
टोपे ने संवाददाताओं से कहा कि इस समय राज्य में संक्रमण के मामलों की संख्या सात से आठ हजार प्रतिदिन पर रुक गयी है। हालांकि, पहले जब मामले चरम पर थे तब एक दिन में संक्रमण के 65,000 मामले सामने आ रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह राज्य के लिए चिंता की बात है कि कोविड-19 के दैनिक मामले 8,000 के स्तर से नीचे नहीं आ रहे हैं। पिछले सात-आठ दिन में राज्य में रोजाना करीब सात से आठ हजार मामले आ रहे हैं लेकिन यह संख्या नीचे नहीं जा रही है।’’
महाराष्ट्र में बुधवार को एक सप्ताह के अंतराल के बाद कोविड-19 के 10,000 से अधिक मामले देखे गये थे। टोपे ने कहा कि राज्य के सात जिलों में अब तक डेल्टा प्लस स्वरूप के 21 मरीज मिले हैं।
उन्होंने बताया, ‘‘ऐसे रोगियों के लिए अस्पतालों में अलग वार्ड बनाया गया है। डेल्टा प्लस स्वरूप का प्रकोप अधिक हो सकता है। इस स्वरूप के अध्ययन से संकेत मिला है कि यह पिछले स्वरूपों से अधिक खतरनाक हो सकता है।’’
टोपे ने बताया कि महाराष्ट्र के 36 जिलों से 100-100 नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे गये हैं। इससे पहले महाराष्ट्र कोविड कार्यबल के सदस्य डॉ शशांक जोशी ने कहा था कि नये स्वरूप और इसके प्रकोप के बारे में अभी पर्याप्त आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
वायरस का नया डेल्टा प्लस स्वरूप अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन तथा रूस में पाया गया है।