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Hindi News महाराष्ट्र त्योहारों में बद से बदतर हुई रेलवे की व्यवस्था, प्लेटफॉर्म में लंबी लाइन, खिड़की से घुस रहे यात्री; भगदड़ में 10 घायल- VIDEO

त्योहारों में बद से बदतर हुई रेलवे की व्यवस्था, प्लेटफॉर्म में लंबी लाइन, खिड़की से घुस रहे यात्री; भगदड़ में 10 घायल- VIDEO

दीपावली और छठ के त्योहार में लोग अपने घर जाने के लिए तैयार हैं। रेलवे का टिकट होने के बावजूद यात्री ट्रेन में नहीं चढ़ पा रहे हैं। प्लेटफॉर्म में लंबी लाइन लगी हुई है। स्टेशनों में भगदड़ जैसे हालात हैं।

खिड़की से घुसने को मजबूर यात्री- India TV Hindi Image Source : INDIA TV खिड़की से घुसने को मजबूर यात्री

त्योहारों का सीजन शुरू होते ही देश में रेलवे की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। दीपावाली और छठ के त्योहार में लोग अपने घर जाने के लिए रेलवे की सर्विस का सहारा लेते हैं। यात्रियों के पास ट्रेन का टिकट होने के बावजूद यात्रा नहीं कर पा रहे हैं। स्टेशन के प्लेटफॉर्म में लंबी-लंबी लाइन लगी हुई है। भारी भीड़ की वजह से यात्री ट्रेनों में चढ़ भी नहीं पा रहे हैं। 

बांद्रा स्टेशन में मची भगदड़

दीपावाली के अवसर पर बड़ी संख्या में लोग शहरों से अपनी गांव की तरफ जाने के लिए रवाना होते हैं, लेकिन भारतीय रेल में फिलहाल उतनी जगह नहीं कि सभी लोग समय पर त्योहारों के बीच अपने गांव या घर पहुंच पाएं। मुंबई के बांद्रा टर्मिनस रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में चढ़ने के समय भगदड़ मच गई। 

10 लोग घायल

ये भगदड़ बांद्रा-गोरखपुर ट्रेन में चढ़ने के दौरान हुई। इस भगदड़ में 10 लोग घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए भाभा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 8 घायलों की हालत स्थिर है। दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। 

प्लेटफॉर्म में कई घंटों की लंबी लाइन

मुंबई के कई स्टेशनों में लंबी भीड़ लगी हुई है। रविवार को मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस से निकलकर गोरखपुर जाने वाली ट्रेन ने रेलवे की पोल खोल दी है। त्योहारी सीजन में यात्रियों को किन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, ये सब प्लेटफॉर्म में देखने को मिला। जनरल डिब्बे मे चढ़ने के लिए कई घंटों तक लंबी कतारे लगी रहीं। पुलिस द्वारा यात्रियों पर हल्के बल का प्रयोग किया गया। कई महिलाएं आपातकालीन खिड़की से अंदर घुसते हुए नजर आए।

रेलवे की ओर से नहीं है कोई खास प्लानिंग

इस बीच, रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में इकट्ठा हुई भीड़ को नियंत्रित करना भी अपने आप में एक बड़ी समस्या है। इसे केवल नियंत्रित करने तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता है। जनरल डिब्बे में सफर करने वाले लोगों के साथ कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए भी सरकार की ओर से कोई खास प्लानिंग नहीं की गई है। रेलवे के अधिकारी और पुलिस प्रशासन भी मूक दर्शक बन देखता रहा।