राहुल नार्वेकर फिर बने महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर, कोलाबा विधायक को नहीं मिली कोई चुनौती
राहुल नार्वेकर महाराष्ट्र विधानसभा के नए स्पीकर चुने गए हैं। उनके अलावा किसी ने भी स्पीकर पद के लिए पर्चा नहीं भरा था। ऐसे में उनका चयन निर्विरोध हुआ।
राहुल नार्वेकर महाराष्ट्र विधानसभा के नए स्पीकर चुने गए हैं। सोमवार (9 दिसंबर) को निर्विरोध चुनाव में उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा का स्पीकर चुना गया। उन्होंने रविवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और दोनों उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार के सामने स्पीकर पद के लिए पर्चा भरा था। इस समय भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और चंद्रकांत पाटिल भी मौके पर मौजूद थे।
महाविकास अघाड़ी की तरफ से किसी भी विधायक ने स्पीकर पद के लिए पर्चा नहीं भरा था। स्पीकर हमेशा ही उसी पार्टी का चुना जाता है, जिसके पास बहुमत होता है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति गठबंधन को प्रचंड बहुमत मिला है। इसी वजह से इस गठबंधन की सरकार बन चुकी है और अब स्पीकर भी इसी गठबंधन के नेता को चुना गया है।
कोलाबा से विधायक हैं राहुल नार्वेकर
राहुल नार्वेकर महाराष्ट्र की कोलाबा विधानसभा सीट से विधायक हैं। यह विधानसभा क्षेत्र मुंबई का हिस्सा है। राहुल इससे पहले शिवसेना का हिस्सा थे, लेकिन 2014 लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला था और वह एनसीपी में शामिल हो गए थे। हालांकि, एनसीपी के टिकट पर उन्हें मावल सीट से हार झेलनी पड़ी, लेकिन इसके बाद पार्टी के साथ बने रहे। अब उन्हें स्पीकर का अहम पद दिया गया है। प्रोटेम स्पीकर कालीदास कोलंबकर ने उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा का स्पीकर नियुक्त किया, क्योंकि उनके खिलाफ किसी भी दूसरे नेता ने पर्चा नहीं भरा था। राहुल के पिता भी कोलाबा से नगर निगम पार्षद रहे थे।
पिछले कार्यकाल में भी थे स्पीकर
करीब ढाई साल तक 14वीं विधानसभा के अध्यक्ष रहे भाजपा नेता नार्वेकर 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में मुंबई की कोलाबा विधानसभा सीट से फिर से चुने गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के बाद नई सरकार को सदन में बहुमत साबित करना होगा। इसके बाद राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान नार्वेकर ने फैसला सुनाया था कि बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी में विभाजन के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी ‘‘असली शिवसेना’’ है। उन्होंने यह भी फैसला दिया था कि अजित पवार के नेतृत्व वाला गुट असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) है, जिसकी स्थापना शरद पवार ने की थी।