ठाणेः कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लाई गई इलेक्टोरल बॉन्ड को दुनिया का सबसे बड़ा एक्सटॉर्शन रैकेट (जबरन वसूली गिरोह) करार दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना को अब रद्द कर दिया है। ठाणे में उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि योजना के माध्यम से एकत्र किए गए धन का इस्तेमाल राजनीतिक दलों को तोड़ने और विपक्षी सरकारों को गिराने के लिए किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एक दिन पहले ही इस योजना से जुड़े आंकड़े सार्वजनिक किए गए थे।
इलेक्टोरल बॉन्ड की सच्चाई देश ने देखाः राहुल
राहुल ने कहा कि कुछ दिन पहले इलेक्टोरल बॉन्ड की सच्चाई देश को दिखी है। यह कंपनियों से हफ्ता लेने का तरीका है। कंपनियों से कॉन्ट्रैक्ट लेने का तरीका है। इसमें सेल कंपनी है। इसमें सीबीआई और ईडी से दबाव डालकर पैसा लिया जा रहा है। कंपनी पर केस होता है तो ठीक थोड़े दिन बाद बीजेपी को संबंधित कंपनी से पैसा मिलता है और हजारों करोड़ो रुपए का कॉन्ट्रेक्ट मिलता है।
अंतिम पड़ाव पर है भारत जोड़ो न्याय यात्रा’
राहुल गांधी ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड और राज्यों में कांग्रेस या अन्य विपक्षी दलों की सरकारों द्वारा दिए गए अनुबंधों के बीच कोई संबंध नहीं है। राहुल गांधी अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के अंतिम चरण में महाराष्ट्र में हैं।
महाराष्ट्र को लेकर कही ये बात
राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र में जो दो अलग अलग पार्टियों के दो अलग अलग टुकड़े किए। उसका पैसा कहां से आ रहा है। यह यहीं से तो आ रहा है? इतना ही नहीं देश में कहीं पर भी जो सरकारें ये गिराने का काम कर रहे है,उसका पैसा कहां से आ रहा है। पैसा इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए ही बीजेपी के पास आ रहा है। उन्होंने कहा कि जितनी भी जांच एजेंसियां है, अब सभी के सभी के बीजेपी के हथियार हैं। अब ये इंस्टीट्यूशन देश की संस्थाएं नही हैं। राहुल गांधी ने कहा कि जब इनकी सरकार नहीं होगी और हमारी सरकार होगी तो इनको भी एक बार सोचकर मजबूर होना पड़ेगा।