पुणे में पोर्श कार दुर्घटना में कथित रूप से शामिल 17 वर्षीय नाबालिग ने किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) की जमानत शर्तों का पालन करते हुए सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिख कर प्रस्तुत किया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि किशोर ने बुधवार को जेजेबी को निबंध सौंपा। पिछले माह, बॉम्बे उच्च न्यायालय ने किशोर को सुधार गृह भेजने के आदेश को अवैध बताया था, जिसके बाद उसे सुधार गृह से रिहा कर दिया गया। शहर के कल्याणी नगर क्षेत्र में 19 मई को हुई दुर्घटना के कुछ घंटों बाद जेजेबी ने आदेश दिया था कि किशोर को उसके माता-पिता और दादा के पास रखा जाए। साथ ही किशोर से सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने को कहा गया था।
पुलिस ने किया दावा
पुलिस ने दावा किया था कि 19 मई को तड़के शराब के नशे में कार चला रहे किशोर ने पुणे के कल्याणी नगर इलाके में एक दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी थी, जिससे दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी। उदार शर्तों के साथ किशोर को त्वरित जमानत दिये जाने पर देशभर में हंगामे के बीच, पुलिस ने जेजेबी से जमानत आदेश में संशोधन की अपील की। बोर्ड ने 22 मई को किशोर को हिरासत में लेने का आदेश दिया और उसे एक सुधार गृह में भेज दिया। उच्च न्यायालय ने बोर्ड के आदेश को अवैध करार देते हुए उसकी रिहाई का रास्ता साफ कर दिया और इस बात पर जोर दिया कि किशोरों से संबंधित कानून का पालन किया जाना चाहिए।
आरोपी के पिता को मिली जमानत
बता दें कि इस मामले में नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को कोर्ट ने जमानत दे दी है। दरअसल विशाल अग्रवाल को उनके ऊपर पहले दर्ज केस में जमानत मिली है। विशाल अग्रवाल के ऊपर और भी दो केस पहले से दर्ज है। विशाल अग्रवाल के ऊपर पहला मामला नाबालिग को लेकर लापरवाही बरतने का था। इसी मामले में आज विशाल अग्रवाल को कोर्ट ने जमानत दे दी है। बता दें कि पुणे पोर्शे कार हादसा मामले में उन्हें भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद कोर्ट की तरफ से उन्हें जमानत दे दी गई थी।
(इनपुट-भाषा)