पुणे: पिछले दिनों में कोरोना वायरस के मामलो में उछाल के बाद पुणे संक्रमण के दो लाख से अधिक मामलों वाला देश का पहला जिला बन गया है। महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदत्त आंकड़ों के अनुसार सोमवार को संक्रमण के 4,165 नए मामले सामने आने के बाद यहां संक्रमितों की कुल संख्या 2,03,468 हो गई। अधिकारियों ने कहा कि जांच संख्या में बढ़ोत्तरी के बाद ही जिले में संक्रमण के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। पुणे में पांच अगस्त को कोविड-19 संक्रमण के मामलों का आंकड़ा एक लाख पार कर गया था और एक महीने में यह आंकड़ा दोगुना हो गया।
पुणे की तुलना में सोमवार तक दिल्ली में संक्रमण के कुल मामले 1,93,526 जबकि मुंबई में 1,57,410 थे। जिलाधिकारी राजेश देशमुख ने बताया कि जिले में संक्रमित होने की दर 22 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा, “फिलहाल संक्रमण के मामलों की संख्या में पुणे देश में शीर्ष पर है। इसका कारण जिला प्रशासन का जांच प्रक्रिया में तेजी लाना है।” उन्होंने दावा किया, “पुणे के अलावा कोई और जिला इतनी तेजी से जांच नहीं कर रहा है।”
इस बीच महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कोविड-19 संकट से निपटने को लेकर राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया कि सरकार मामलों को कम दिखाने की कोशिश कर रही है और अधिक से अधिक जांच करने पर तवज्जो नहीं दे रही है। निचले सदन में अनुपूरक मांगों पर चर्चा के दौरान फडणवीस ने कहा कि चिकित्सा खर्चे का कोई ऑडिट नहीं हुआ है और महामारी को लेकर कुप्रबंधन भी है।
भाजपा नेता ने कहा कि इस साल मार्च में जब महाराष्ट्र विधानमंडल का बजट सत्र समाप्त हुआ था तब राज्य में कोविड-19 के रोगियों की संख्या 26 थी। उन्होंने कहा, "आज (कोविड-19 के मरीजों की संख्या) 9,07,212 है और 27,027 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में 16,401 पुलिस कर्मी कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं और उनमें से 162 ने दम तोड़ दिया है।"
उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सिर्फ मुंबई की कोविड-19 स्थिति को देखते हैं, जबकि उपमुख्यमंत्री अजित पवार पुणे में दिलचस्पी रखते हैं। क्या औरंगाबाद और नागपुर महाराष्ट्र में नहीं आते हैं? क्या आपने वहां की स्थिति की समीक्षा की और क्षेत्रों की जरूरतों को समझा?"
फडणवीस ने दावा किया कि सरकार ने अब तक सभी फैसले केवल कागज पर ही लिए हैं जबकि जमीनी स्थिति अलग है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "सरकार केवल कोविड-19 की संख्या को कम दिखाना चाहती है और अधिक जांच करने पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रही है। हम कोविड -19 से निपटने में सरकार के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं, यह सरकार पर निर्भर है कि वह स्थिति की गंभीरता का एहसास करे।"