Prophet Row: देश के कई हिस्सों में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद बड़ा हंगामा देखने को मिला। कहीं पत्थर चले तो कहीं आगजनी हुई। ऐसे में महाराष्ट्र के कई हिस्सों जैसे सोलापुर, औरंगबाद, अहमदनगर और पनवेल में भी हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय सड़कों पर उतरे। इसे लेकर कई जगह FIR भी दर्ज की गई। पनवेल के कई वीडियो सामने आए जहां 10 हजार के करीब मुस्लिम आबादी सड़कों पर बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विरोध में उतरी।
इतने बड़े प्रदर्शन के पीछे किस संस्था का हाथ?
पनवेल में हुए विरोध प्रदर्शन में जो भीड़ देखी गई थी, इनको जुटाने का काम वाइस ऑफ़ पनवेल नाम की संस्था ने किया है। यह संस्था पनवेल की प्रमुख मस्जिदों के मुफ्ती मौलाना का एक संगठन है। दरअसल, पनवेल में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद पनवेल मुस्लिम मोहल्ला की मुस्लिम पाड़ा मस्जिद पर सभी लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए। यहां से आगे जाकर महिलाएं भी विरोध में जुड़ीं और फिर यहां से 700 मीटर की दूरी पर जिला अधिकारी का दफ्तर मौजूद है। प्रदर्शनकारियों ने डीएम ऑफिस के पास के मैदान तक मार्च निकाला।
"नबी के लिए बच्चे और मां बाप भी कुर्बान"
जानकारी मिली है कि ये मोर्चे मुफ्ती ज़ैद मंसूरी के नेतृत्व में निकाला गया जो पास ही की मस्जिद के मुफ्ती हैं। उनके साथ फारुख वड़े, उस्मान पटेल, वसीम धुरुक मौजूद रहे। इतना ही नहीं, डॉ अमीना, जिन्होंने महिलाओं को इक्कठा किया था, कहा कि यह मोर्चा ही क्या जरूरत पड़ी तो वो नबी के लिए अपने बच्चों और मां बाप को भी कुर्बान कर देंगे।
मोर्चे के आयोजकों ने बताया कि उन्होंने एक सप्ताह पहले से ही इसकी तैयारी कर रखी थी, बकायद सभी मस्जिद कमिटी ने मीटिंग कर पुलिस से भी इजाजत ली थी। इस प्रदर्शन में छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हुए थे। इन आयोजकों का कहना है कि उनकी तरफ से शांति से प्रदर्शन किया गया इसलिए पुलिस को करवाई की जरूरत महसूस नहीं हुई।