President Election: महाराष्ट्र में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। राष्ट्रपति चुनाव में उद्धव ठाकरे NDA की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेंगे। हालांकि उद्धव का यह फैसला चौंकाने वाला है क्योंकि इससे पहले खबर आ रही थी कि उद्धव ठाकरे विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करेंगे। शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कई मौकों पर ऐसे संकेत भी दिए थे, लेकिन पार्टी के कई अन्य सांसद द्रौपदी मुर्मू का सर्थन करने की बात कह रहे थे। कहा जा रहा है कि इसी दवाब में उद्धव ने भी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना स्वीकारा है।
बुधवार को जारी हो सकता है समर्थन पत्र
सूत्र बता रहे हैं कि कई विधायकों के शिंदे गुट में जाने के बाद उद्धव को सांसदों के भी उसी गुट में जाने की बात सामने आ रही थी। पार्टी में और कोई टूट से बचने के लिए उद्धव ठाकरे ने मुर्मू का समर्थन करने का फैसला लिया है। आपको बता दें कि कल मातोश्री में शिवसेना की एक बैठक हुई थी, इसमें कई सांसदों ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन की बात कही। सूत्रों के अनुसार शिवसेना के करीबन 16 सांसदों ने कहा है कि द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दे। लेकिन संजय राउत की राय इनसे जुदा थी। उन्होंने कहा कि पार्टी को विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करना चाहिए। लेकिन उन्होंने ने भी अंतिम फैसला उद्धव ठाकरे पर ही छोड़ दिया। सूत्रों के अनुसार शिवसेना कार्यालय से कल तक समर्थन का पत्र भी जारी हो सकता है।
द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने से बीजेपी का समर्थन नहीं - संजय राउत
उद्धव ठाकरे के द्रौपदी मुर्मू के समर्थन की बात बाहर आते ही संजय राउत का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन का यह मतलब नहीं है कि वे बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं। शिवसेना के यशवंत सिन्हा से अच्छे संबंध हैं लेकिन लोगों की भावनाओं का भी सम्मान करना चहिए। और ऐसा भी नहीं है कि शिवसेना ऐसे फैसले पहली बार ले रही हो।
कल हुई बैठक में शमिल हुए थे 13 लोकसभा सांसद
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 18 लोकसभा के सांसदों के अलावा, केंद्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव से कलाबेन डेलकर भी शिवसेना सांसद हैं। कीर्तिकर ने कहा कि बैठक में 13 सांसद शामिल हुए, जबकि तीन अन्य- संजय जाधव, संजय मांडलिक और हेमंत पाटिल बैठक में शामिल नहीं हो सके, लेकिन उन्होंने नेतृत्व को अपने समर्थन की पुष्टि की। कीर्तिकर ने कहा, ‘‘ज्यादातर सांसदों की राय थी कि पार्टी को द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि शिवसेना के दो लोकसभा सदस्य भावना गवली और श्रीकांत शिंदे (मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे) बैठक में शामिल नहीं हुए। राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होंगे।