महाराष्ट्र की राजनीति से बहुत बड़ी खबर सामने आई है। आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले शरद पवार के लिए बुरी खबर सामने है। चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को ही असली एनसीपी माना है। चुनाव आयोग ने आदेश देते हुए साफ माना है कि अजित पवार ही असली एनसीपी है। चुनाव आयोग का ये फैसला शरद पवार गुट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। बता दें कि आयोग के इस फैसले के बाद एनसीपी का नाम और चुनाव चिन्ह दोनों पर ही अजित पवार गुट का अधिकार हो गया है।
7 फरवरी तक चुनना होगा नया नाम
6 महीने से अधिक समय तक चली 10 से अधिक सुनवाई के बाद, चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में विवाद का निपटारा किया और अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया। आयोग ने अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए शरद पवार गुट को अपने नए राजनीतिक गठन के लिए एक नाम का दावा करने और आयोग को तीन प्राथमिकताएं प्रदान करने का विकल्प भी दिया है। शरद पवार गुट आयोग की ओर से दी गई इस रियायत का प्रयोग 7 फरवरी, 2024 को दोपहर 3 बजे तक कर सकता है।
किस आधार पर लिया गया फैसला?
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, चुनाव आयोग ने पार्टी संविधान के लक्ष्यों और उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण और संगठनात्मक और विधायी, दोनों बहुमत के परीक्षण के आधार पर अजित गुट के पक्ष में फैसला सुनाया है। सामने आई जानकारी के मुताबिक, चुनाव आयोग को इस परिस्थिति में विधायी विंग में बहुमत के परीक्षण को समर्थन मिला, जहां दोनों समूहों को पार्टी संविधान और संगठनात्मक चुनावों के बाहर काम करते हुए पाया गया है। इस प्रकार, पद पर रहने वालों को मुख्य रूप से निर्वाचक मंडल के स्व-नामांकित सदस्यों द्वारा नियुक्त किया गया और आंतरिक पार्टी लोकतंत्र के विरुद्ध माना गया है।
अजित पवार ने दिया बयान
चुनाव आयोग द्वारा हक में आए फैसले पर अजित पवार का बयान भी सामने आ गया है। अजित पवार के देवगीरि बंगले पर विधायक और मंत्री की बैठक शुरू हो गई है। अजित पवार ने कहा है कि मैं इस फैसले को विनम्रता से स्वीकार करता हूं।
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