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Hindi News महाराष्ट्र पीएम नरेंद्र मोदी ने संभाजीनगर में लिया साधु-संतों का आशीर्वाद, बोले- औरंगाबाद का नाम बदलना बाला साहब की इच्छा थी

पीएम नरेंद्र मोदी ने संभाजीनगर में लिया साधु-संतों का आशीर्वाद, बोले- औरंगाबाद का नाम बदलना बाला साहब की इच्छा थी

महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में चुनाव प्रचार करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने यहां साधु संतों का आशीर्वाद लिया और महाविकास अघाड़ी पर जमकर निशाना साधा।

PM Narendra Modi took blessings of saints in Sambhajinagar said it was Bala Saheb wish to change the- India TV Hindi Image Source : PTI संभाजीनगर में पीएम मोदी ने लिया साधु-संतों का आशीर्वाद

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान होना है और 23 नवंबर को मतों की गणना की जाएगी। इस बीच चुनाव प्रचार जारी है। इसी कड़ी में पीएम नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार करने के लिए छत्रपति संभाजीनगर पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी ने महंत सुभद्रा आत्या, पूज्य बाभुलगांवकर महाराज, जैन धर्मगुरू ऋषि प्रवीण जी और महामंडलेश्वर स्वामी शांतिगिरी महाराज से मुलाकात की। इसके अलावा पीएम मोदी पनवेल स्थित इस्कॉन मंदिर पहुंचे, जहां मंजीरा बजाकर उन्होंने हरे राम-हरे कृष्ण का भजन भी गाया। पीएम मोदी ने यहां साधु-संतों से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया। पीएम मोदी ने सबसे पहले महंदा सुभद्रा आत्या से मुलाकात की। बता दें कि महंत सुभद्रा आत्या महानुभाव पंथ से जुड़ी हैं। साथ ही लड़कियों की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए बहुत काम किया है। 

पीएम मोदी ने महाविकास अघाड़ी पर साधा निशाना

पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान मंच से आरक्षण और जाति के मुद्दे पर कांग्रेस का घेराव किया। इसके अलावा महाविकास अघाड़ी और शिवसेना उद्धव गुट पर भी उन्होंने निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा, "बाला साहब ठाकरे की इच्छा थी कि औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजी नगर रखा जाए, लेकिन ढाई साल उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे और अपने पिता की इच्छा पूरी नहीं की। आज उद्धव कांग्रेस की गोद में तो बैठ गए हैं। पीएम मोदी ने उद्धव को चुनौती दी कि एक बार राहुल गांधी के मुंह से हिन्दू हृदय सम्राट बाला साहब ठाकरे की तारीफ में दो शब्द ही कहलवा कर दिखाएं।"

पीएम मोदी ने कहा- हमने बाला साहब की इच्छा को पूरा किया

उन्होंने कहा, "एक ओर संभाजी महाराज को मानने वाले देशभक्त हैं। दूसरी ओर औरंगजेब का गुणगान करने वाले लोग हैं। पूरा महाराष्ट्र जानता है छत्रपति संभाजी नगर को उसका ये नाम देने की मांग बाला साहब ठाकरे ने उठाई थी। अघाड़ी सरकार की ढाई साल सत्ता रही लेकिन कांग्रेस के दबाव में इन लोगों की हिम्मत नहीं हुई। महायुति सरकार ने आते ही इस शहर को छत्रपति संभाजी नगर का नाम दिया। हमने आपकी इच्छा को पूरा किया। हमने बाला साहब ठाकरे की इच्छा को पूरा किया। जिन्हें संभाजी महाराज के नाम पर आपत्ति है, जिन्हें उनके हत्यारे में अपना मसीहा दिखता है, ये लोग महाराष्ट्र और मराठी स्वाभिमान के खिलाफ खड़े हैं कि नहीं खड़े हैं। ये लोग हमारी पहचान के खिलाफ हैं या नहीं हैं? महाराष्ट्र क्या कभी भी ऐसे लोगों को स्वीकार करेगा क्या?