मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ प्रोग्राम का 100वां एपिसोड इस महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित होने वाला है। प्रोग्राम के इस एपिसोड को राज्य के तमाम मदरसों के साथ-साथ मुंबई के मदरसों के बच्चों को भी सुनाया जाएगा। मदरसों में इस प्रोग्राम को लेकर तैयारियां भी बड़े स्तर पर शुरू हो गई हैं। रमजान के दौरान आमतौर पर मदरसों में छुट्टी होती है, लेकिन ‘मन की बात’ सुनने की तैयारी कैसे करनी है, बच्चो को क्या कुछ सुनने मिलेगा, माता-पिता को इसकी जानकारी देने के लिए आज मीटिंग की गई।
बच्चों में ‘मन की बात’ को लेकर उत्साह
मुंबई के मरोल में स्थित फैजान-ए-गरीब नवाज मस्जिद व मदरसे में 30 से 35 बच्चे तालीम लेते हैं। यहां आज बच्चे अपने पिता के साथ इमाम से जानकारी लेने आए है की उन्हें ‘मन की बात’ में शामिल होना है और वे मदरसा कब पहुंच सकते हैं। मदरसे के तमाम बच्चों ने बताया कि उनमें PM के प्रोग्राम को लेकर काफी उत्साह है क्योंकि इससे पहले उन्होंने कभी ‘मन की बात’ नहीं सुनी है। कुछ ने बताया कि वे चाहते है पीएम देश को मजबूत करने और उनकी पढ़ाई को लेकर बात करें।
‘पीएम की शिक्षा नीति ने काफी कुछ बदला’
बच्चों ने कहा की प्रधानमंत्री उन्हें प्रेरित करते हैं क्योंकि वह हमेशा देश की बात करते हैं। वहीं, बच्चों के अभिभावकों ने भी इस पहल का स्वागत किया और कहा कि पीएम ने एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कंप्यूटर दिया है। उन्होंने कहा कि पहले हमारे बच्चे विदेश जाकर अंग्रेजी बोलने वालों का मुंह ताकते थे, लेकिन पीएम की शिक्षा नीति ने काफी कुछ बदला है। इमाम भी बच्चों को ‘मन की बात’ को लेकर प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा पीएम देश को पहले नहीं मिला।
‘हम पीएम का स्वागत और सम्मान करते हैं’
इमाम ने कहा कि जो लोग कह रहे हैं कि मुसलमानों पर ‘मन की बात’ मदरसे में चलाने का दबाव है, वे सरासर गलत हैं। उन्होंने कहा कि हम दिल से पीएम का स्वागत और सम्मान करते हैं। बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के तमाम कार्यकर्ता और नेता मदरसे से संपर्क कर उन्हें जानकारी देने का काम कर रहे है और ‘मन की बात’ को भव्य बनाने के लिए स्क्रीन लगाने में मदद का आश्वासन भी दिया गया है।