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Hindi News महाराष्ट्र 'सेना में जाना चाहता था अमोल, पढ़ाई के लिए हर महीने मांगता था 4 हजार...', संसद में सेंध लगाने वाले आरोपी के पैरेंट्स बोले

'सेना में जाना चाहता था अमोल, पढ़ाई के लिए हर महीने मांगता था 4 हजार...', संसद में सेंध लगाने वाले आरोपी के पैरेंट्स बोले

25 वर्षीय अमोल शिंदे महाराष्ट्र लातूर जिले की चाकुर तहसील के जारी गांव का रहने वाला है। अमोल की मां ने कहा, अमोल हमेशा कहता था कि वह पढ़ाई के लिए लातूर जाना चाहता है। उसने प्रति माह चार हजार रुपये देने को कहा था लेकिन हमने कहा कि यह हमारे लिए संभव नहीं है। हमने पहले ही उसकी स्कूली शिक्षा में काफी खर्च किया है।

amol shinde- India TV Hindi Image Source : PTI अमोल शिंदे

छत्रपति संभाजीनगर: संसद के बाहर प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए अमोल के पेरेंट्स का कहना है कि उनका बेटा सेना में भर्ती होना चाहता था और आगे पढ़ने के लिए उनसे प्रति माह चार हजार रुपये की मांग करता था, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण परिवार अमोल को यह धनराशि देने की स्थिति में नहीं था। संसद पर 2001 को हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को सुरक्षा में चूक की बड़ी घटना सामने आई। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग- सागर शर्मा और मनोरंजन डी सदन के भीतर कूद गए, उन्होंने नारेबाजी की और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। इस बीच कुछ सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया। लगभग उसी वक्त दो अन्य आरोपियों अमोल शिंदे और नीलम ने संसद परिसर के बाहर ‘केन’ से रंगीन धुआं छोड़ा और ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’’ के नारे लगाए। इन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

जानिए अमोल शिंदे की कहानी

25 वर्षीय अमोल शिंदे महाराष्ट्र लातूर जिले की चाकुर तहसील के जारी गांव का रहने वाला है। दिल्ली में अमोल को गिरफ्तार किए जाने के बाद लातूर पुलिस की एक टीम जारी गांव पहुंची। अमोल की मां केसरबाई ने बुधवार रात पत्रकारों से बातचीत में कहा,‘‘ वह (अमोल) हमेशा से सेना में भर्ती होना चाहता था। मैं उससे किसी कंपनी में काम करने के लिए कहती थी क्योंकि भर्ती के लिए आयु सीमा थी। हमें संसद की घटना की जानकारी तब मिली जब पुलिस हमारे घर पहुंची। पुलिस ने खेल से जुड़े उसके दस्तावेज़ अपने कब्जे में ले लिए हैं।’’

दिहाड़ी पर मजदूरी करता था अमोल

अमोल की मां ने कहा, ‘‘अमोल हमेशा कहता था कि वह पढ़ाई के लिए लातूर जाना चाहता है। उसने प्रति माह चार हजार रुपये देने को कहा था लेकिन हमने कहा कि यह हमारे लिए संभव नहीं है। हमने पहले ही उसकी स्कूली शिक्षा में काफी खर्च किया है।’’ अमोल के पिता धनराज शिंदे ने कहा, ‘‘अमोल दिहाड़ी पर मजदूरी करता था उसने कई बार सेना में भर्ती होने के प्रयास किए थे और इसके लिए असम, नासिक और कोल्हापुर भी गया था। उसने सोचा होगा कि मैं कब तक दिहाड़ी मजदूरी करूंगा शायद इसलिए ये (संसद की घटना) किया होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर वह बच जाता है (मामले में रिहा हो जाता है) तो गांव वापस आ जाएगा और अगर नहीं आता तो हम सोचेंगे कि हमारा एक बेटा नहीं था।’’

सेना में भर्ती होने का कहकर घर से निकला था

पुलिस ने पूर्व में कहा था कि अमोल अनुसूचित जाति समुदाय से है और बीए स्नातक है। पुलिस और सेना में भर्ती के लिए परीक्षाओं की तैयारी के दौरान उसने दिहाड़ी मजदूरी की थी। उन्होंने बताया कि उसके माता-पिता और दो भाई भी दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं। पुलिस ने बताया कि अमोल के माता-पिता के अनुसार अमोल 9 दिसंबर को यह कहकर घर से गया था कि वह सेना में भर्ती के लिए दिल्ली जा रहा है और चूंकि वह पहले भी गया था इसलिए उसके माता-पिता को इसमें कुछ भी अजीब नहीं लगा।

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