मुंबई: महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह का तबादला नियमित नहीं था। देशमुख ने कहा कि परमबीर सिंह को गिरफ्तार पुलिस अधिकारी सचिन वाजे और एसयूवी के मामले में 'स्वतंत्र और निष्पक्ष' जांच सुनिश्चित करने के लिए पद से हटाया गया है। उन्होंने कहा, ‘सिंह को मुंबई पुलिस प्रमुख के रूप में हटा दिया गया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पूरी तरह से जांच, स्वतंत्र और निष्पक्ष हो। दो प्रतिष्ठित एजेंसियां, एनआईए और एटीएस जांच कर रही हैं, दोनों पेशेवर तरीके से जांच कर रही हैं।’
‘गलतियों को अनदेखा नहीं किया जा सकता था’
देशमुख ने कहा कि एक जूनियर अधिकारी (वाजे) ने कुछ गलतियां कीं, जो जांच में सामने आईं और इसलिए उन्हें क्षमा या अनदेखा नहीं किया जा सकता था, और चूंकि सिंह समग्र प्रभारी थे, इसलिए यह जरूरी था कि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए कहीं और तैनात किया जाए। उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की और सिंह को बाहर करने का फैसला किया गया, ताकि जांच में कोई बाधा न आए। तबादलों के एक दिन बाद, देशमुख ने लोकमत ग्रुप ऑफ पब्लिकेशन्स द्वारा आयोजित एक प्रतिष्ठित मीडिया कार्यक्रम के दौरान 2 निजी मराठी चैनलों के साथ बातचीत में यह बात कही।
परमबीर सिंह को होमगार्ड विभाग का DG बनाया गया
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक मिलने के मामले से ‘निपटने' को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे परमबीर सिंह का बुधवार को तबादला कर दिया था। उनकी जगह पर महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हेमंत नागराले को नया कमिश्नर बनाया गया है। सिंह का राज्य के होमगार्ड विभाग में तबादला कर दिया गया है। इससे पहले सिंह द्वारा सचिन वाजे प्रकरण से निपटने को लेकर मीडिया में चर्चाएं थीं। वाजे दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के निकट 25 फरवरी को विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो कार मिलने के मामले में एनआईए द्वारा की जा रही जांच के केन्द्र में है।