महाराष्ट्र: मुंबई से करीब 410 किमी दूर मराठवाड़ा के बीड जिले के मजलगाव में बंदरों का खौफ बरपा है। लाऊल गाँव में इन दिनों जंगली बंदरों से गांव के लोगों में दहशत है। करीब 5 हजार की आबादी वाले इस गाँव में पिछले 15 से 20 दिनों में जंगल से आये लंगूर-बंदरो के एक दल ने तबाही मचा रखी है। अब तक इन बंदरो ने एक दो नही, बल्कि 200 से ज्यादा कुत्ते के बच्चों की हत्या कर दी है। इतना ही नही, खूंखार बन्दर राह चलते लोगो को भी घायल कर रहा है। घरो की छतों पर बैठे लोगों पर हमला कर रहा है।
गांव के लोग बताते है कि इन हमलों की शुरुआत तब हुई जब गांव के कुछ कुत्तों ने एक बंदर के बच्चे पर हमला कर उसे घायल कर दिया,बाद में इस बंदर के बच्चे की मौत हो गई। बताया जाता है कि उसके बाद से ही जंगल से खेत में फल, फसल खाने आये ये बन्दर खूंखार हो गए। सबसे पहले इन बन्दरों ने, जिनकी संख्या कुछ लोग दो बताते है तो कुछ 5, ने गांव में ढूंढ-ढूंढ कर कुत्तों के बच्चों को अगवा करने का काम शुरू कर दिया।
बंदर पहले कुत्तों के पिल्लो को अगवा कर ऊंची छत,पेड़ या इमरात पर ले जाते हैं और इसके पहले की कोई इन्हें बचा पाए, ये बंदर इन बच्चों को ऊंचाई से नीचे फेंक देते है। जिससे इन कुत्तों के बच्चों की मौत हो जाती है। शुरूआत में गांव वालों को लगा कि ये ऐसे ही अकस्मात हुआ हो रहा है लेकिन जब हर रोज कुत्तो के बच्चों को ऊंचाई से गिरकर मरने लगे तो गाँव वालो में दहशत का माहौल बन गया।
शुरुआत में गाँव वाले कुत्ते और उनके बच्चों को अगवा कर ले जाते बन्दरों का पीछा किया और इन बच्चों को छुड़ाने की कोशिश की लेकिन वो असफल रहें। क्योंकि, बंदर तेजी से पेड़ों पर चढ़ जाते। कई बार लोगो ने पेड़ों पर या छतो पर चढ़ते बन्दरों पर पत्थर फेंके, ताकि वो कुत्ते के बच्चों को छुड़ा सकें लेकिन बन्दरो ने ऐसा नही किया। बल्कि इन बच्चों को ऊंचाई से जमीन पर फेंक कर मार डाला।
जब बन्दरों को लगा कि कुत्तो के साथ इंसान भी उनकी जान के दुश्मन बन गए है तो इन खूंखार बन्दरो ने इंसानों पर भी हमला करना शुरू कर दिया। मजल गांव के सीताराम नायबल नाम के एक ग्रामीण ने इन बन्दरो के हमले से बचने के लिए अपनी घर की छत से छलांग लगा दी और अब उनके दोनों पैर लकवाग्रस्त हो चुके हैं। सीताराम नायबल ने अब तक इलाज में डेढ़ लाख रुपये खर्च कर दिये हैं लेकिन अभी भी वो ठीक से नहीं चल सकते हैं।
अब इन बंदरों ने सड़क पर चलने वाले लोगों पर भी हमला करना शुरू कर दिया है। इसलिए अब लोग सड़क पर चलते हुए भी पीछे-पीछे देख रहे हैं। लोगो में इन बन्दरों का आतंक है।
गाँववालो ने पुलिस,स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की मदद से 2 बन्दरो को पकड़ने में सफलता पाई है।
इन दोनों बन्दरों को बड़े लोहे के पिंजरे में कैद कर जंगल में ले जाया गया है। वहीं, अब भी गाँव वालों को नहीं पता है कि उनके मजल गांव में अभी कितने और बन्दर है। वन विभाग की टीम भी कई बार इन बन्दरों को पकड़ने का प्रयास कर चुकी है लेकिन अब तक पूरे दल को पकड़ने में सफलता नही मिल पाई है। ग्रामीण भी इन बन्दरों को काबू में करने को लेकर हर जुगत में लगे हुए हैं।