मुंबई: मुम्बई के बीएमसी कस्तूरबा अस्पताल के जीनोम सिक्वेंसिंग लैब में बीएमसी द्वारा भेजे गए 280 कोविड मरीजों के सैम्पल में से 248 मरीजों के सैम्पल में ओमिक्रोन वैरिएंट होने की पुष्टि हुई है। इसके साथ यह भी साफ हो गया है कि एक समय मुम्बई में लंबे समय तक कोविड का डेल्टा वेरिएंट हावी था लेकिन अब उसकी जगह ओमिक्रॉन ने ले ली है। बीएमसी के अनुसार मुम्बई में फिलहाल कुल कोरोना के मामलों में से 89 प्रतिशत कोविड मरीज ओमिक्रॉन से पीड़ित हैं जिससे अब यह साफ हो गया है कि मुम्बई में डेल्टा की जगह ओमिक्रॉन ने ले ली है।
बीएमसी की 8 वीं जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट में कोरोना से ग्रसित मरीजों में से 89 प्रतिशत कोरना मरीज ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित मिले हैं। यानी कुल 280 सैम्पल्स में से 21 सैम्पल डेल्टा डेरिवेटिव और 11 सैम्पल डेल्टा वैरिएंट के हैं, जबकि 248 सैम्पल ओमिक्रॉन के मिले हैं। मुम्बई में 21 दिसबर 2021 से कोविड की तीसरी लहर की शुरुआत हुई और ओमिक्रॉन वेरिएंट के चलते तीसरी लहर और अधिक संक्रामक हो गई। ओमिक्रोन ने धीरे-धीरे घातक 'डेल्टा वेरिएंट' को ओवर टेक कर लिया।
जानकारी के मुताबिक 21 और 22 दिसबर को मिले 300 कोविड नमूनों में जीनोम सीक्वेंसिंग के बाद 37 फीसदी यानी करीब 141 सैम्पल में ओमिक्रॉन पाया गया था। अब सातवें और आठवें जीनोम सीक्वेंसिंग में इसका प्रमाण बढ़ा है। सातवें जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट में 282 सैम्पल्स में से 156 सैम्पल में ओमिक्रॉन का वैरिएंट पाया गया जबकि आठवें जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट में 280 सैम्पल्स में से 248 सैम्पल में ओमिक्रॉन पाया गया।
ओमिक्रॉन के जो मरीज पॉजिटिव आए हैं उनमें से 18 साल से कम उम्र के 13 मरीज हैं सजबकि 99 मरीजों ने वैक्सीन की एक भी खुराक नहीं ली थी। वहीं 0 से 20 साल के 22 मरीज, 21 से 40 साल के 96 मरीज,41 से 60 साल के 79 मरीज, 61 से 80 साल के 69 मरीज और 80 से 100 साल के 14 मरीज आठवीं जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट में ओमिक्रॉन पॉजिटिव पाए गए हैं।