NSE Phone Tapping Case: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के कर्मचारियों के कथित फोन टैपिंग के एक मामले में जमानत के लिए दिल्ली की एक अदालत का रुख किया। संजय पांडे ने दावा किया है कि उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध का नतीजा है। याचिका पर विशेष न्यायाधीश सुनैना शर्मा के समक्ष दो अगस्त को सुनवाई होने की संभावना है। पूर्व पुलिस कमिश्नर ने कहा कि ये सब ईमानदारी से काम करने का नतीजा है।
याचिका में पूर्व पुलिस कमिश्नर ने क्या कहा
अपनी याचिका में संजय पांडे ने कहा है कि उन्होंने कई हाई-प्रोफाइल और राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों की जांच की और उन पर मुकदमा चलाया, और दावा किया कि वर्तमान कार्रवाई ‘‘ईमानदारी से काम करने और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के रूप में अपने कर्तव्यों के निर्वहन का नतीजा है।’’ उन्होंने कहा है, ‘‘मौजूदा मामला स्पष्ट रूप से राजनीतिक विचारों से प्रेरित है और यह इस तथ्य से भी स्पष्ट है कि 2009 और 2017 के बीच हुए कथित अपराध की जांच 2022 में की जा रही है। यानी कथित अपराध के 13 साल बाद और इसके बंद होने के पांच साल बाद और वह भी याचिकाकर्ता के रिटायर होने के एक सप्ताह के भीतर।’’
अदालत ने ईडी को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
याचिका में पूर्व पुलिस कमिश्नर ने यह भी कहा है कि एफआईआर दर्ज करने में भारी देरी हुई, जिससे जांच की प्रामाणिकता पर गंभीर संदेह पैदा होता है। याचिका में कहा गया, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता (संजय पांडे) को अनुचित रूप से मौजूदा मामले में फंसाया गया है, उसकी कोई गलती नहीं है और केवल कुछ राजनीतिक प्रतिशोध के लिए यह कार्रवाई की जा रही है।’’ अदालत ने याचिका पर ईडी को नोटिस जारी कर दो अगस्त को जवाब मांगा है। जांच एजेंसी ने मामले में पांडे को 19 जुलाई को गिरफ्तार किया था। ईडी ने अदालत से अनुमति मिलने पर पूछताछ के बाद NSE की पूर्व प्रबंध निदेशक चित्रा रामकृष्णन को 14 जुलाई को गिरफ्तार किया था, जहां उन्हें न्यायाधीश द्वारा पारित पिछले आदेश पर जेल से पेश किया गया था।