महाराष्ट्र में राजनीतिक भूकंप के बाद केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पहली बार एक कार्यक्रम के दौरान अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। नितिन गडकरी ने कहा कि अपने देश के लोग दुख के महासागर में डूबे हुए हैं। विधायक नहीं बनने से नगरसेवक दुखी है, मंत्री नहीं बनने से विधायक दुखी हैं, अच्छा विभाग नहीं मिलने से मंत्री दुखी नजर आते हैं। उन्होंने कहा कि जो है उसी में संतोष मान लेना बेहतर होता है।
"...अपना नंबर लगने का इंतजार कर रहे थे"
नितिन गडकरी ने कहा कि अपना देश और यह समाज दुखी आत्माओं का महासागर है। उन्होंने कहा कि मंत्री बनने के इच्छुक अब अवसर खो जाने से दुखी हैं। यह सब इच्छुक पहले सूट-बूट बनवाकर तैयार थे, अपना नंबर लगने का इंतजार कर रहे थे। अब सूट वैसे ही रह गया, उनकी समस्या है कि सूट का क्या किया जाए। किसी सभागृह की तरह मंत्रिमंडल की क्षमता भी नहीं बढ़ सकती। यह बयान केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कल नागपुर में राष्ट्रसंत टुकड़ोंजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय शिक्षण मंच की ओर से आयोजित गुरु वंदना कार्यक्रम में दिया।
"मंत्री बनने के इच्छुक अब सूट का क्या करेंगे"
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री गडकरी ने कहा कि मंत्री पद पाने के इच्छुक अवसर खो जाने से बेहद दुखी हो गए। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल की क्षमता भी नहीं बढ़ाई जा सकती है। सभी इच्छुक ने पहले ही सूट-बूट बनाकर तैयार कर लिया था, लेकिन अब उनके सामने सवाल है कि इस सूट-बूट का क्या किया जाए।
बता दें कि हाल ही में महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी में बड़ी टूट के बाद भतीजे अजित पवार ने अपने साथ 33 विधायकों के समर्थन के दम पर एनडीए से हाथ मिला लिया और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बन गए। तभी से महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल मचा हुआ है।
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