मुंबई। महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी के को लेकर राजनीति कम होने का नाम नहीं ले रही है। नारायण राणे के बेटे और भाजपा नेता नितेश राणे ने राजनीति फिल्म का एक सीन अपने ट्विटर हेंडल के जरिए शेयर किया है जिसमें अभिनेता मनोज बाजपेई अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बोल रहे हैं कि, "आसमान में थूकने वालों को शायद ये पता नहीं है कि पलट के थूक उन्हीं के चेहरे पर गिरेगा, करारा जवाब मिलेगा, करारा जवाब मिलेगा।"
माना जा रहा है कि राजनीति फिल्म का सीन शेयर करके महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार को जवाब दे रहे हैं। नीतेश राणे पहले भी कई बार उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे पर अपने ट्वीट संदेश के जरिए निशाना साध चुके हैं।
राणे ने केन्द्र सरकार का सिर शर्म से झुका दिया: शिवसेना
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर केंद्रीय मंत्री नारायाण राणे की गिरफ्तारी के एक दिन बाद, शिवसेना ने बुधवार को दावा किया कि राणे ने केन्द्र सरकार का सिर शर्म से झुका दिया। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे एक सम्पादकीय में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को राणे की मुख्यमंत्री ठाकरे के खिलाफ की गई टिप्पणी को गंभीरता से लेना चाहिए।
राणे ने दावा किया था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं। उन्होंने रायगढ़ जिले में सोमवार को ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान कहा, ‘‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हो गए हैं। भाषण के दौरान वह पीछे मुड़कर इस बारे में पूछते नजर आए थे। अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता।’’
केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री राणे की टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र में राजनीतिक विवाद उठ खड़ा हुआ। राणे को मामले में मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि मंगलवार रात ही रायगढ़ के महाड में एक अदालत ने उन्हें मामले में जमानत दे दी। शिवसेना ने अपने मुखपत्र में राणे पर निशाना साधते हुए मंत्री की तुलना ‘‘कई छेद वाले एक गुब्बारे’’ से की और कहा कि भाजपा उसमें कितनी भी हवा भरने की कोशिश करे लेकिन वह ऊपर नहीं उठेगा।
सम्पादकीय में कहा गया कि एक केन्द्रीय मंत्री का पद दिए जाने के बावजूद राणे एक ‘‘सड़क छाप बदमाश’’ की तरह पेश आ रहे हैं। सम्पादकीय में कहा गया, ‘‘राणे ने केन्द्र सरकार का सिर शर्म से झुका दिया है। राणे के पुराने रिकॉर्ड देखते हुए मोदी और शाह को ठाकरे के खिलाफ की गई उनकी टिप्पणी को गंभीरता से लेना चाहिए। अगर प्रधानमंत्री के बारे में किसी ने इस तरह बात की होती तो, उसके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज हो गया होता। राणे ने भी ऐसा ही अपराध किया है।’’