Nikhil Bhamre News: बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को नासिक के उस 22 साल के छात्र को जमानत दे दी, जिसे पिछले महीने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के खिलाफ किए गए एक कथित आपत्तिजनक ट्वीट को लेकर गिरफ्तार किया गया था। जस्टिस नितिन जामदार की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने कहा कि हाई कोर्ट इस तथ्य को नहीं नजरअंदाज कर सकता कि निखिल भामारे ‘सिर्फ एक छात्र’ है और वह एक सोशल मीडिया पोस्ट के लिए पिछले एक महीने से ज्यादा समय से जेल में बंद है।
निखिल पर अलग-अलग जिलों में दर्ज हुई थीं 6 FIR
बता दें कि इस ट्वीट को लेकर निखिल के खिलाफ अलग-अलग जिलों में 6 FIR दर्ज की गई थीं, जबकि संबंधित ट्वीट में शरद पवार का जिक्र भी नहीं था। महाराष्ट्र पुलिस ने दावा किया था कि निखिल का ट्वीट ‘अपमानजनक’ है और ‘धर्म या नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देता है।’ छात्र को 2 मजिस्ट्रेट अदालतों द्वारा पहली और छठी FIR में जमानत दी गई थी, जबकि दूसरी और तीसरी प्राथमिकी को लेकर उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। इन दोनों आदेशों को निखिल ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
‘चौथे और पांचवें मामले में गिरफ्तारी से रोका जाता है’
महाराष्ट्र पुलिस ने अदालत को बताया कि निखिल को चौथी और पांचवीं FIR के सिलसिले में गिरफ्तार किया जाना बाकी है, जिस पर जस्टिस जामदार ने कहा कि बेंच निखिल को उन 2 मामलों में राहत देगी, जिनमें उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी, जबकि पुलिस को उन्हें चौथे और पांचवें मामले में गिरफ्तार करने से रोका जाता है। अदालत ने कहा, ‘मामले में जनहित का एक तत्व शामिल है। वह एक छात्र है, जो एक महीने से ज्यादा समय से जेल में बंद है। हम उसे CR नंबर 2 और 3 में जमानत दे रहे हैं।’
ट्वीट को लेकर 19 मई से जेल में बंद था छात्र निखिल
निखिल को नासिक पुलिस ने उक्त ट्वीट को लेकर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद 19 मई को गिरफ्तार किया था और वह तब से हिरासत में हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि चूंकि मजिस्ट्रेट अदालत ने निखिल को जमानत देते समय नासिक के डिंडोरी पुलिस थाने में पेश होने का निर्देश दिया था, इसलिए यह शर्त वर्तमान जमानत में भी लागू होगी। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि निखिल को किसी अन्य पुलिस थाने में जाने की जरूरत नहीं है, जहां उनके खिलाफ बाकी FIR दर्ज की गई है।