सिरका, रोज वाटर और शरबत से बम बनाकर धमाके की थी साजिश, NIA की चार्जशीट में खुलासा
NIA ने चार्जशीट में खुलासा किया कि ये सभी मोहम्मद नाम के वांटेड आरोपी के संपर्क में थे और अपनी आतंकी साजिश को अंजाम देने के लिए पुणे के डोपडेव घाट में स्थित कादिर पठान के घर मीटिंग करते थे।
महाराष्ट्र: पुणे ISIS टेरर मॉड्यूल मामले की जांच कर रही NIA ने अपनी चार्जशीट में कई अहम खुलासे किए हैं। NIA ने यह चार्जशीट 7 आरोपियों के खिलाफ दायर की है। इनके नाम मोहम्मद इमरान मोहम्मद यूसुफ खान, मोहम्मद यूनुस मोहम्मद याकूब साकी, कादिर पठान, सीमाब काजी, ज़ुल्फिकार बड़ोदावाला, शामिल नाचन और आकिफ नाचन हैं।
NIA ने बताया कि आरोपी, मोहम्मद नाम के वांटेड आरोपी के संपर्क में थे और अपनी आतंकी साजिश को अंजाम देने के लिए पुणे के डोपडेव घाट में स्थित कादिर पठान के घर मीटिंग करते थे। इस मीटिंग के दौरान आरोपी कई लोगों को रिक्रूट करने की प्लानिंग करते थे, कैसे रिक्रूट किया जाए इस पर भी चर्चा करते थे। इतना ही नहीं, आरोपियों ने व्हाट्सएप पर "E dars" नाम का ग्रुप बनाया था, जिसके सदस्यों के साथ जूम या वेबेक्स के जरिए मीटिंग की जाती थी और लोगों को गुमराह किया जाता था। ऐसे लोगों को साथ में जोड़ा जा सके, इसके लिए आरोपी ठाणे के पड़घा इलाके में आकिफ नाचन, शामिल नाचन और दूसरे आरोपियों के साथ साल 2022 से मीटिंग कर रहे थे।
पोल्ट्री फार्म में बम बनाने की ट्रेनिंग
NIA में आगे बताया कि आरोपी आकिफ नाचन फरवरी 2022 में मध्य प्रदेश के रतलाम में IED कैसे बयाना जाए, इसकी ट्रेनिंग कैंप को अटेंड करने गया था। उस ट्रेनिंग शिविर में कई लोग मौजूद थे और किसी को शक ना हो इस वजह से यह पूरी ट्रेनिंग ही इमरान नाम के शख्स के पोल्ट्री फार्म में दी जाती थी। उसने इस ट्रेनिंग कैंप में वीडियो भी बनाया था, जो NIA ने रिकवर किया है। आकिफ ने वहां सीखा कि कैसे अलग-अलग केमिकल का इस्तेमाल कर बम बनाया जाता है और उस बम को एक्टिवेट करने के लिए कैसे बल्ब का इस्तेमाल किया जाता है।
NIA ने चार्जशीट में यह भी बताया कि आरोपी ने बम बनाने की ट्रेनिंग में यह भी सिखाया कि कैसे सल्फ्यूरिक एसिड, ऐसिटोन, हाइड्रोजन पाइरोक्साइड का इस्तेमाल किया जाए। उसे इस्तेमाल करते समय 0-10 डिग्री तक टेंपरेचर मेंटेन किया जाए और डेटोनेटर के लिए बल्ब या फिर माचिस की तीली के पाउडर का इस्तेमाल किया जाए।
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केमिकल के लिए कोड नेम का इस्तेमाल
NIA ने चार्जशीट में बताया कि बम बनाने की तकनीक या फिर केमिकल से जुड़ी बातचीत का किसी को पता ना चले, इसलिए आरोपियों में केमिकल को कोडवर्ड दिया था। जैसे की सल्फ्यूरिक एसिड के लिए "सिरका", एसीटोन के लिए "रोज वाटर" और हाइड्रोजन पेराक्साइड के लिए "शरबत" कोड का इस्तेमाल किया जाता था।
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बाइक से की जाती थी रेकी
जांच के दौरान NIA ने पाया कि आरोपी बाइक का इस्तेमाल कर महत्वपूर्ण लोकेशन की रेकी किया करते थे। इस मामले में फरार आरोपी रिजवान ने हिमालयन बाइक 95 हजार रुपये में खरीदी थी। उसने फेसबुक पर इसका एड देखा था, जिसे बेचने वाले ने 110000 रुपये कीमत लगाई थी, लेकिन बाद में उसने 95 हजार में बेच दी। इसके अलावा रिजवान नाम के इसी आरोपी ने X पल्स नाम को बाइक एक लाख रुपये में खरीदी थी। इन दोनों बाइक का इस्तेमाल कर आरोपी ने महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और गोवा में रेकी की थी। इसके अलावा आरोपियों ने 16000 रुपये के करीब जकात के रूप में जमा किया था, जिसका इस्तेमाल आतंकी साजिश को अंजाम देने के लिए किया जाना था।
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