हेगड़े के खुलासे के बाद बीजेपी पर हमले तेज, राउत बोले "महाराष्ट्र के साथ गद्दारी" NCP ने मांगा पीएम से इस्तीफा
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के 80 घंटे के कार्यकाल को लेकर भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े के खुलासे को लेकर शिवसेना और कांग्रेस आक्रामक हो गई हैं।
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के 80 घंटे के कार्यकाल को लेकर भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े के खुलासे को लेकर शिवसेना और कांग्रेस आक्रामक हो गई हैं। शिवसेना सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र के 40000 करोड़ रुपए केंद्र को ट्रांसफर करने को महाराष्ट्र के साथ गद्दारी करार दिया है। बता दें कि आज सुबह ही मीडिया में पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने फडणवीस को 80 घंटे के मुख्यमंत्री के पीछे के राज़ का खुलासा किया था। हेगड़े के मुताबिक फडणवीस केंद्र को 40000 रुपए लौटाने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि देवेंद्र फडणवीस ने अनंत हेगड़े के दावे को आधारहीन करार दिया है।
हेगड़े के बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है। इस बार बीजेपी निशाने पर है। शिवसेना सांसद ने यह खबर सामने आने के बाद ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने अनंत हेगड़े को मेंशन करते हुए लिखा है कि देवेंद्र फडणवीस ने 80 घंटे का सीएम बनकर 40000 करोड़ रुपए वापस किए हैं, यह महाराष्ट्र के साथ धोखा है।
एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि यदि अनंत हेगड़े के दावे में सच्चाई है तो केंद्र सरकार सीधे तौर पर इस मामले में दोषी है और इसके लिए प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना होगा। वहीं शिवसेना के बाद अब कांग्रेस ने भी हेगड़े के दावे पर बीजेपी को घेरा है। कांग्रेस ने देवेंद्र फडणवीस से हेगड़े के दावे पर सफाई मांगी हैं। कांग्रेस का कहना हैं कि फडणवीस राज्य को बतायें की हेगडे़ का दावा सच हैं या झूठ।
हेगड़े के इस बयान पर उबाल
अनंत हेगड़े ने कहा कि आप सबको पता ही है कि हमारे नेता महाराष्ट्र में 80 घंटे के लिए मुख्यमंत्री बने थे। फिर फडणवीस ने इस्तीफा दे दिया था। आखिर उन्होंने ये ड्रामा क्यों किया था? क्या हम नहीं जानते थे कि हमारे पास बहुमत नहीं है और फिर भी वो मुख्यमंत्री बने। ये ऐसा सवाल है जो हर कोई पूछ रहा है। मुख्यमंत्री के पास करीब 40 हजार करोड़ रुपये का एक्सेस था। अगर कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की सरकार सत्ता में आती तो वे इस 40 हजार करोड़ रुपये का दुरुपयोग करती।