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Hindi News महाराष्ट्र "विरोधी तत्वों से न डरना है न झुकना है, लेकिन...", नागपुर में बोले आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले

"विरोधी तत्वों से न डरना है न झुकना है, लेकिन...", नागपुर में बोले आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने आज एक कार्यक्रम में कहा, भारत को जागृत करने के लिये जो मंगलवेला आज आई है, इसमें भारत के सही इतिहास को सामने लाना पड़ेगा। अयोध्या के बारे में पुस्तक लिखने पर क्या संकट झेलना पड़ा वो केवल एक की कहानी नहीं है ऐसे सैकड़ों लोगों की है।

Dattatreya Hosabale- India TV Hindi Image Source : INDIA TV सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले

नागपुर में आज अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षक महासंघ की तरफ से शिक्षा भूषण सम्मान समारोह रखा गया। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने लोगों को संबोधित किया। दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि हमें विरोधी तत्वों से न डरना है न झुकना है, लेकिन सावधानी रखनी है। बता दें कि इस अवसर पर ऋषिकेश के स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज भी मौजूद रहे। जब अंधेरा दूर होता है तब विरोधी शक्तियां भी थोड़ा आवाज करती हैं, क्योंकि सूर्य को देखने की उनकी इच्छा नहीं होती। हम प्रकाश को चाहने वाले लोग हैं, हमें विरोधी तत्वों से न डरना है न झुकना है, लेकिन सावधानी जरूर रखनी है।

सैकड़ों लोगों की कहानी

दत्तात्रेय होसबाले ने आगे कहा अयोध्या के बारे में पुस्तक लिखने पर क्या संकट झेलना पड़ा वो केवल एक की कहानी नहीं है ऐसे सैकड़ों लोगों की है, ऐसे विषयों पर पीएचडी करने से प्रोफेसर मना कर देते थे। राष्ट्र के सही इतिहास के संदर्भ में, राष्ट्र के संदर्भ में, राष्ट्र की संस्कृति के संदर्भ में, पीएचडी के लिए प्रोफेसर अनुमति नहीं देते थे। एक समय ऐसा रहा कि इस देश में देश के बारे में बोलना ही घृणा हो गई। इस देश में राष्ट्र के बारे में बोलना बुद्धिमानी नहीं मानी गई। लेकिन परिस्थिति हमेशा ऐसी नहीं रहती, देश का स्व जागृत हुआ है, इसलिए कॉलोनाइज्ड माइंड जो हुए, उपनिवेशिक गुलामी, दास्यता मन मस्तिष्क पर दशकों तक चली, वह अब खत्म होकर हम डी-कॉलोनाइजेशन का प्रयत्न करते हुए हम बौद्धिक स्वातंत्र्य की तरफ जा रहे हैं।

भारत अब करवट ले रहा है

सरकार्यवाह होसबाले ने आगे कहा कि राष्ट्र के सामने बहुत सारे प्रश्न है, लेकिन भारत अब करवट ले रहा है, आज विश्व के सामने भारत को पुनः विश्व गुरु स्थापित करवाने का बहुत बड़ा प्रयत्न जारी है, होना भी चाहिए, भारत के समाज के अंदर आज भी वह क्षमता है। होसबाले ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अपनी मांगे पूरी करने के लिए ट्रेड यूनियन के तहत काम कर रहे हैं क्या, काम कुछ लोग करते हैं, शिक्षकों को किसी भी समाज में अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सड़क पर उतरकर यदि आंदोलन करना पड़ा तो, तो ये उस समाज का दुर्भाग्य है, ऐसा नहीं होना चाहिए।

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