एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने केंद्र पर साधा निशाना, बोले- प्रधानमंत्री को अगर कहीं जाना हैं तो जाएं लेकिन...
एनसीपी के स्थापना दिवस पर शरद पवार ने महाराष्ट्र के लोगों को धन्यवाद दिया और राज्य व केंद्र पर निशाना भी साधा। शरद पवार ने कहा कि किसानों की इतनी दुर्दशा आज तक नहीं हुई। वहीं, अजित पवार ने संगठन के सामने पार्टी पद की इच्छा भी जाहिर की।
मुंबई: आज एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने मुम्बई के माटुंगा शनमुखानंद सभागार में पार्टी के 25वें स्थापना दिन समारोह में कार्यकर्ताओ को संबोधित किया। शरद पवार ने पार्टी को संबोधित करते हुए कहा कि 24 साल पहले छगन भुजबल के अध्यक्ष के रूप में हमने एनसीपी की संरचना की थी। 25 साल एक बड़ा कार्यकाल हमारे लिए चैलेंज भरा रहा है और हमारे काम का लेखा-जोखा पूरे देश ने देखा है। लेकिन आज किसानों को फसल का सही भाव नहीं मिल रहा, किसानों का कपास उनके घर पर ही रखा हुआ है, इस तरह की तस्वीर हमने आज तक नही देखी। वहीं, संबोधन के दौरान शरद पवार ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर भी जमकर हमला बोला।
किसानों की इतनी दुर्दशा आज तक नहीं हुई
शरद पवार ने कहा कि किसानों की इतनी दुर्दशा आज तक नहीं हुई थी, पिछले पांच महीनों में 391 किसानों ने आत्महत्या की है, बड़ी शर्मिंदगी की बात है। 23 जनवरी से लेकर 23 मई 2023 तक महाराष्ट्र से कुल 30152 लड़की लापता है। इस सरकार को गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। सरकार को निचले वर्गों की सुरक्षा की जिम्मेदारी को संभालना होगा, लेकिन इस तरह की कोई भी तस्वीर नजर नहीं आ रही है।
मणिपुर मुद्दे को लेकर साधा निशाना
मणिपुर की हिंसा को लेकर भी देश के कानून व्यवस्था पर शरद पवार ने निशाना साधा। ये सभी का कहना है कि देश के प्रधानमंत्री को अगर कहीं जाना हैं तो जाएं, इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं है, लेकिन जब अपने देश की स्थिति इस तरह की है तो यहां अपने देश की व्यवस्था को नजरअंदाज न करें। मणिपुर में जो हो रहा और केंद्र का जो रवैया है उससे भावना नजर आ रही है कि हम इस देश के नागरिक हैं कि नही? इसका फायदा दुश्मन देश ने लिया तो देश के पीएम को जहां जाना है जिस देश में जाना है जाएं पर देश के अंतर्गत मामलों को नजरंदाज न करें।
विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में जुटे
जिनके हाथों में सत्ता है अगर आने वाले चुनावो में दोबारा उनके हाथ में सत्ता गई तो चुनाव कितने समय तक होंगे? होंगे भी की नहीं? ये चिंता देश के सामने है। इसलिए हम प्रयास कर रहे हैं, एनसीपी अगुवाई कर रही है की लोकतंत्र पर विश्वास रखने वाले विपक्षी पार्टियों को हम एक साथ ला रहे है। 23 जून तारीख को हम पटना में सब लोग एक साथ बैठक करेंगे, एक साथ बैठक कर एक नीति तय करेंगे, कार्यक्रम तय करेंगे। इस देश के आम आदमी के हितों की रक्षा के लिए लोकतंत्र पर कोई हमला कर रहा होगा तो ये देश में हम होने नहीं देंगे। लोगों की एकजुटता करना लोगों की जनशक्ति खड़ा करना, सांप्रदायिक ताकतों के साथ ही लोगों में विद्वेष फैलाने वाले के हाथों में ये देश न जाएं ये हमारे सामने चुनौती है और इसका सामना करना हमारा कर्तव्य है।
अजित पवार ने जाहिर की अपनी इच्छा
महाराष्ट्र विधानसभा के विपक्ष नेता अजित पवार ने कहा कि मुझे नेता विपक्ष पद पर कोई इंटरेस्ट नहीं था पर विधायकों ने आग्रह किया हस्ताक्षर किए और वरिष्ठों ने भी कहा था इसलिए पिछले एक साल से मैंने नेता विपक्ष पद संभाला है। ये जिम्मेदारी निभाते कुछ लोग कह रहे कि मैं कड़ी भूमिका नहीं लेता क्या अब जाकर उनकी (सरकार) की गर्दन पकडूं? अब बहुत हो गया मुझे इस जिम्मेदारी से मुक्त कर संगठन की जिम्मेदारी दीजिए। जो जिम्मेदारी मिलेगी उसे कैसे निभाउंगा फिर देखिए। ये अधिकार नेतृत्व का है, पर मैंने मेरी क्या इच्छा है वो बताई। संगठन में कोई भी पद दीजिए लेकिन जो पद मिलेगा उसे अच्छे से निभाउंगा।