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Hindi News महाराष्ट्र मंत्री पद को लेकर फिर बोले भुजबल, विदेश यात्रा के बाद दिया बयान; किसी को हटाए जाने पर भी बोले

मंत्री पद को लेकर फिर बोले भुजबल, विदेश यात्रा के बाद दिया बयान; किसी को हटाए जाने पर भी बोले

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद मंत्री पद को लेकर कई बैठकें हुईं। पिछली बार महायुति सरकार में मंत्री रहे छगन भुजबल को इस बार मंत्री नहीं बनाया गया। वहीं अब विदेश दौरे से वापस लौटने के बाद उन्होंने एक बार फिर मंत्री पद को लेकर बयान दिया है।

छगन भुजबल ने मंत्री पद को लेकर दिया बयान।- India TV Hindi Image Source : PTI छगन भुजबल ने मंत्री पद को लेकर दिया बयान।

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने एक बार फिर मंत्री पद को लेकर सवाल पूछे जाने पर बयान दिया है। गुरुवार को उन्होंने कहा कि वह अपने किसी सहयोगी की कीमत पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नहीं बनना चाहते। वरिष्ठ नेता छगल भुजबल अपनी विदेश यात्रा से लौटे हैं। वहीं विदेश यात्रा से लौटने के बाद नासिक में उन्होंने पत्रकारों से कहा, “मैं मंत्री पद नहीं चाहता, अगर इसके लिए किसी और को मंत्रिमंडल से हटाना पड़े।” उन्होंने अपनी विदेश यात्रा को लेकर कहा कि मैं 1967 से राजनीति में सक्रिय हूं, लेकिन कभी-कभी राजनीतिक दिमाग को आराम की जरूरत होती है।

'आराम की जरूरत'

दरअसल, कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के जितेंद्र आव्हाड ने दावा किया था कि छगन भुजबल को धनंजय मुंडे को हटाकर देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल किया जाएगा। धनंजय मुंडे अपने सहयोगी वाल्मीक कराड की मसाजोग सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से संबंधित जबरन वसूली के मामले में कथित संलिप्तता को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। वहीं छगन भुजबल ने अपनी विदेश यात्रा के बारे में कहा, “मैंने जानबूझकर कुछ समय के लिए राजनीति से एक विराम लिया है।” उन्होंने कहा, “मैं 1967 से राजनीति में सक्रिय हूं, लेकिन कभी-कभी राजनीतिक दिमाग को आराम की जरूरत होती है।” 

'किसी और की कीमत पर नहीं चाहिए पद'

बता दें कि एनसीपी नेता छगन भुजबल पिछली महायुति सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री थे, लेकिन नवंबर में विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें हटा दिया गया था। यह विभाग फिलहाल धनंजय मुंडे के पास है। छगन भुजबल ने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री फडणवीस ने उन्हें मंत्री पद देने का वादा नहीं किया था। उन्होंने कहा, “फडणवीस ने केवल इतना कहा था कि चलो सात से आठ दिन प्रतीक्षा करें और इस पर चर्चा करते हैं।” एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा, “वडेट्टीवार या जितेंद्र आव्हाड ने जो कहा है, उसके बारे में मैं क्या कह सकता हूं? मैं किसी और की कीमत पर पद नहीं चाहता।” (इनपुट- पीटीआई)

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