NCB ने बिना सबूत दामाद को हिरासत में रखा, NCP नेता नवाब मलिक की सफाई
नवाब मलिक ने ड्रग्स मामले में अपने दामाद समीर खान का नाम आने के मामले पर सफाई देते हुए कहा कि बिना सबूत एनसीबी ने उनके दामाद को हिरासत में रखा।
मुंबई: एनसीपी नेता नवाब मलिक ने ड्रग्स मामले में अपने दामाद समीर खान का नाम आने के मामले पर सफाई देते हुए कहा कि बिना सबूत एनसीबी ने उनके दामाद को हिरासत में रखा। उन्होंने कहा-'भारतीय जनता पार्टी के सारे नेता सारे देश के चैनलों पर एक ही बात कर रहे थे कि नवाब मलिक का दामाद एक ड्रग डीलर है उसकी गिरफ्तारी हुई है, खुन्नस में ये लोग एनसीपी को बदनाम कर रहे हैं।'
नवाब मलिक ने कहा-' अफसोस की बात ये है कि एक पूर्व मुख्यमंत्री भी अलग से वीडियो बनाकर मुझपर राजनीतिक हमला करने का काम किया। लेकिन 27 सितंबर के दिन एनडीपीएस के स्पेशल कोर्ट ने समीर खान और उसके साथ 2 अन्य सह आरोपियों को साढ़े आठ महीने तक जेल में रखने के बाद जमानत देने का काम किया। इसके बाद हमारी प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, लेकिन जो एक लिखित ऑर्डर होता है वह हम लोगों को प्राप्त नहीं हुआ। कल सुबह 11 बजे कोर्ट के पोर्टल पर ऑर्डर लोड हुआ और ऑर्डर लोड होने के बाद हम लोगों ने उसे पढ़ा, जिस तरह से मीडिया में मेरा नाम लेकर खबरें चलाई गई और मेरे दामाद को साढ़े 8 महीने जेल में रहना पड़ा।'
उन्होंने कहा-' 8 जनवरी 2021 के दिन एनसीबी ने पत्रकारों को बताया कि 2 पार्सल युनीवर्सल कार्गों से ट्रेस किए गए जिसे करन सजलानी ने विजय शर्मा नाम के किसी व्यक्ति को शिलॉन्ग भेजने के लिए बुक किया था। 9 जनवरी के दिन करन सजलानी जो बांद्रा में रहते हैं उनके घर पर रेड की गई, और एनसीबी ने पत्रकारों को प्रेस रिलीज निकालकर 200 किलो गांजा प्राप्त होने की खबर दी। उसी दिन एनसीबी के अफसर के नंबर से सभी पत्रकारों को एक प्रेस रिलीज और 4 तस्वीरें दी गई। साथ में प्रेस नोट निकाला गया और कहा गया कि एक ब्रिटिश नागरिक को गिरप्तार करने का काम किया है, उसको बड़े पैमाने पर देश के चैनलों तथा अखबारों में कवरेज मिली।'
नवाब मलिक ने आगे कहा-; उसके बाद 9 जनवरी के दिन एक लड़की के पास से 7.5 ग्राम गांजा पकड़ा गया, साइस्ता फर्नीचरवाला का नाम सामने आया। उस महिला को उसी दिन जमानत दे दी गई। उसी के साथ नई दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा में छापे पड़े। मेरे दामाद समीर खान के यहां। इसके बाद रामपुर में एक रेड हुई और इसकी भी जानकारी एनसीबी ने दी।'
नवाब मलिक ने कहा-' मेरा दामाद बांद्रा में रहता है। 9 जनवरी को हमारी सालगिरह थी, सारा परिवार एक साथ खाना खाकर हटा था। 13 जनवरी के दिन मुझे एक पत्रकार साथी का फोन आया कि क्या आपके दामाद को एनसीबी ने कोई सम्मन किया है क्या? मैंने पूछा कि उसे क्यों सम्मन करेंगे? 12 जनवरी की रात 10 बेज एनसीबी ने हमारे दामाद समीर खान की माता को सम्मन दिया । उसे 13 जनवरी को 10 बजे बुलाया गया था जबकि वह पौने 10 बजे कार्यालय पहुंच गए। शाम होते होते कहा गया कि समीर खान एक बड़ा ड्रग पेडलर है बड़ा ड्रग रैकेट चलाता है और उसे 27 ए धारा के तहत गिरफ्तार किया जाता है।'
उन्होंने अपने दामाद को फंसाने का आरोप लगाया और कहा-' 6 महीने बाद हाईकोर्ट में सुनवाई होती है और उसके अगले साढ़े 3 महीने तक एनसीबी टालमटोल करता रहता है, लेकिन अब जाकर जमानत मिली है। 7 जून को एनसीबी ने बताया की वो चाजर्शीट फाइल करेंगे। एनसीबी ने जानबूझकर 7.5 महीने मेरे दामाद के मामले को लटकाया। नवाब मलिक ने कहा कि एनसीबी जैसी एजेंसी तम्बाकू और गाँजे में अंतर नही कर पाती यह आश्चर्य है। कोर्ट की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में मेरे दामाद को फ्रेम किया गया। इस मामले में शाहिस्ता फर्नीचरवाला पर मामला बनता है। लेकिन उसे ज़मानत दे दी गयी।'
नवाब मलिक ने कहा-'एक सरकारी अधिकारी (वानखेड़े) अपने को बड़ा दिखाने के लिए इस तरह से कानून का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। मैं अपनी बात पर कायम हूं कि एनसीबी फर्जी रेड कर करवाई करती है।'