मुंबई: महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को चिकित्सा कारणों से अस्पताल में भर्ती (Nawab Malik in Hospital) कराया गया है। नवाब मलिक के कार्यालय ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मलिक को सरकारी जे. जे. अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मलिक को गिरफ्तार किया था और वह 3 मार्च तक उसकी हिरासत में हैं। बता दें कि ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में मलिक को बुधवार को गिरफ्तार किया था और एक विशेष अदालत ने उन्हें कस्टडी में भेज दिया था।
‘मलिक ने स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याओं की शिकायत की’
मलिक के कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा, ‘नवाब मलिक साहब को चिकित्सा कारणों से जे. जे. अस्पताल में भर्ती कराया गया है।’ एक अधिकारी ने भी यह पुष्टि की कि मलिक को जे. जे. अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा, ‘ईडी की हिरासत के दौरान मलिक ने केंद्रीय एजेंसी के कर्मियों से स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याओं की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।’ राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और सत्तारूढ़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रवक्ता मलिक को ईडी ने धन शोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में बुधवार को गिरफ्तार किया था।
‘3 मार्च तक के लिए ED की हिरासत में हैं नवाब मलिक’ गिरफ्तारी के बाद उद्धव सरकार में मंत्री मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उन्हें 3 मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था। एजेंसी का कहना है कि यह जांच भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम, उसके सहयोगियों और मुंबई अंडरवर्ल्ड की गतिविधियों से संबंधित है। मलिक की मुश्किलें तब और बढ़ गईं जब धनशोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) से संबद्ध मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया, नवाब मलिक के खिलाफ लगे आरोप सही प्रतीत हो रहे हैं।
जज ने कहा, मलिक की हिरासत में पूछताछ जरूरी स्पेशल जज आर. एन. रोकड़े ने कहा कि अपराध की जांच के लिए
ED को पर्याप्त समय देने की आवश्यकता है और
मलिक को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ करना आवश्यक है। उन्होंने कहा, ‘प्रथम दृष्टया, यह मानने के लिए उचित आधार है कि आरोप PMLA के तहत सही हैं।’ कोर्ट ने माना कि जांच अभी शुरुआती चरण में है और मलिक को हिरासत में लेकर पूछताछ करना अपराध में शामिल सभी लोगों का पता लगाने के लिए आवश्यक है। जज ने कहा, ‘अपराध संबंधी यह गतिविधियां पिछले 20 वर्षों या उससे अधिक समय से चली आ रही हैं। इसलिए, अपराध की जांच के लिए पर्याप्त समय दिए जाने की आवश्यकता है।’
(भाषा)