नागपुर में विश्व हिंदू परिषद की सहयोगी संगठन दुर्गा वाहिनी द्वारा शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान दुर्गा वाहिनी की सेविकाओं ने शस्त्र पूजन किया। इसके बाद विदर्भ चंडिका मंदिर से नागपुर के मुख्य इतवारी बाजार तक शौर्य संचालन निकाला गया जो कि काली माता मंदिर के पास आकर खत्म हुआ। इसके बाद यहां एक सभा का आयोजन किया गया। शौर्य संचालन के दौरान दुर्गा वाहिनी ने शस्त्र का प्रदर्शन किया और उसकी पूजा की गई। इसके बाद प्रतीक के रूप में कद्दू की बलि भी चढ़ाई गई। इस दौरान दुर्गावाहिनी की सेविकाओं ने भारत माता की जय, जय दुर्गामाता का उद्घोष भी किया। इस दौरान दुर्गावाहिनी की कार्यकर्ताओं द्वारा कई स्थानों पर शस्त्र चलाने का भी प्रदर्शन किया गया।
लड़कियों को मिलती है आत्मरक्षा की ट्रेनिंग
नागपुर महानगर की दुर्गा वाहिनी की संयोजिका रोशनी सोनी ने बताया कि दुर्गा वाहिनी के सदस्यों को कठिन ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। लड़कियां अपनी आत्मरक्षा कैसे करें, उसका गुण दुर्गा वाहिनी के प्रशिक्षण शिविर में सिखाया जाता है। इस दौरान कार्यकर्ताओं को तलवार चलाना, एयरगन चलाना, दंड युद्ध, तमान युद्ध कौशल का प्रशिक्षण दिया जाता है। दुर्गा वाहिनी की कार्यकर्ताओं को त्रिशूल दीक्षा भी दी जाती है। बता दें कि शौर्य संचालन में दुर्गा वाहिनी की कार्यकर्ताओं ने सड़क पर तलवारी बाजी कर अपने कौशल का भी परिचय दिया और यह दर्शाया कि अगर दंड युद्ध होता है तो वो अपनी आत्मरक्षा कर सकती हैं।
दुर्गा वाहिनी का क्या होता है काम
रोशनी सोनी ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान युवतियों को सिखाया जाता है कि लव जिहाद से कैसे बचा जाए। उन्हें बताया जाता है कि कैसे लव जिहाद के तहत जिहादियों द्वारा नाम बदलकर हिंदू युवतियों को फंसाने की कोशिश की जाती है। साथ ही आत्मरक्षा कैसे की जाए, इन तमाम चीजों का भी उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है। विश्व हिंदू परिषद में बजरंग दल के तर्ज पर युवतियों को शामिल किया गया है। सुरक्षा-संस्कार और गतिशील भावना को जगाने के साथ-साथ उनके संबंधित विभिन्न समस्याओं को हल करने के लिए विश्व हिंदू परिषद ने दुर्गा वाहिनी नाम से हिंदू युवतियों के लिए स्वतंत्र संगठन की स्थापना साल 1991 में की। इस संगठन में 15 वर्ष से लेकर 35 वर्ष तक की युवतियां शामिल हो सकती हैं।