देशभर में दिवाली की धूम मची हुई है। लोग तरह-तहर की लाइट्स से अपने घरों और सोसायटी को सजाने में लगे हैं। वहीं, नवी मुंबई की पंचानंद सोसायटी में कुछ मुस्लिम परिवारों ने दीवाली पर हो रही लाइटिंग का विरोध कर दिया। लाइट जलने से पहले खूब हंगामा किया गया। सोसायटी के लोग बिल्डिंग पर लाइट्स लगा ही रहे थे इसी दौरान सोसायटी में रहने वाले दो लोगों ने लाइट्स को हटाने की मांग शुरू कर दी। वहां मौजूद महिलाओं के साथ गाली गलौच करने लगे। लाइट्स लगाने के दौरान हंगामा हुआ तो पुलिस आई लेकिन सवाल अपनी जगह पर बरकरार है कि क्या सोसायटी दिवाली में अंधेरे में रहेगी?
सोसायटी में दिवाली मनाने से कौन रोक रहा है?
दरअसल, कुछ लोगों का तर्क है कि सोसायटी में हिंदू और मुसलमान दोनों समुदायों के लोग रहते हैं इसलिए अगर बकरीद पर सोसायटी में बकरा काटने पर पाबंदी लगाई जा सकती है तो कॉमन एरिया में दीवाली भी नहीं मनाई जाएगी। ये लोग इस बात पर अड़ गए कि कॉमन एरिया में ना तो दिवाली मनाने देंगे, न लाइट्स और फूल मालाएं लगने देंगे। हिन्दुओं ने इसका विरोध किया और लाइट्स लगाने की जिद की तो झगड़ा बढ़ गया।
सोसायटी के लोगों का कहना है कि मुस्लिम परिवारों को बकरीद मनाने से किसी ने नहीं रोका था, सिर्फ सोसायटी के भीतर बकरा काटने से रोका गया था। हिन्दू परिवारों का कहना है कि सरकार ने सोसयाटीज में कुर्बानी पर रोक लगाई थी। कोर्ट के आदेश पर कुर्बानी के अलग जगह बनाई गई थी, इसके बाद भी चोरी छुपे रात में बकरे सोसायटी में लाए गए जो कानून के खिलाफ था इसलिए इसका विरोध हुआ था। लेकिन दीवाली पर इस तरह की कोई रोक नहीं है।
बकरे काटने के विरोध में लाइट न जलने देने का तर्क
बकरे काटने के विरोध में लाइट न जलने देने का तर्क किसी को गले नहीं उतर रहा है। हालांकि सोसाइटी के लोगों की कहना है कि कुछ ही मुस्लिम परिवार इस झगड़े को बढ़ावा दे रहे हैं जबकि ज्यादातर दिवाली मनाने में साथ हैं। पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
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