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Hindi News महाराष्ट्र अपराधियों ने बनाई पुलिस कमिश्नर की फेक आईडी, फेसबुक पर दोस्तों से की पैसों की मांग

अपराधियों ने बनाई पुलिस कमिश्नर की फेक आईडी, फेसबुक पर दोस्तों से की पैसों की मांग

नागपुर पुलिस कमिश्नर के नाम पर फेक फेसबुक प्रोफाइल बनाकर साइबर अपराधियों द्वारा दोस्तों से पैसों की मांग की जा रही थी। इस मामले में नागपुर पुलिस ने 3 लोगों को राजस्थान से गिरफ्तार किया है।

Nagpur Police Commissioner Fake ID cyber criminals were asking for money from friends on Facebook- India TV Hindi Image Source : INDIA TV पुलिस कमिश्नर के नाम पर बनी फेक आईडी

डिजिटल दौर में साइबर अपराध और अपराधियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। साइबर अपराध की समस्या आज के समय में लगभग सभी ने झेला होगा। कभी सोशल मीडिया पर फर्जी नाम बनाकर पैसे मांगने की बात हो या फिर फर्जी अकाउंट के जरिए वोटिंग करने के मामले हो। ऐसे मामले आए दिन देखने को मिल रहे हैं जिसके नाम पर ठगी की जा रही है। कुछ ऐसा ही मामला महाराष्ट्र के नागपुर में देखने को मिला है। यहां साइबर अपराधी अब प्रतिष्ठित और महाराष्ट्र के आईपीएस दर्जे के अधिकारियों के नाम पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर ठगी करने के हथकंडे अपनाने लगे हैं। 

पुलिस कमिश्नर के नाम पर बनाई फर्जी फेसबुक आईडी

नागपुर शहर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार के नाम पर भी फर्जी फेसबुक अकाउंट तैयार किया गया है। इस अकाउंट के जरिए साइबर अपराधी पुलिस आयुक्त के मित्रों से पैसे की मांग कर रहे थे। इस मामले में पुलिस ने साइबर ठगी ग्रुप के तीन आरोपियों को राजस्थान से गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों को अब नागपुर लाया गया है जो अंतरराज्यीय स्तर पर साइबर ठगी की घटना को अंजाम देते थे। बता दें कि इससे पहले साल 2021 और जुलाई 2023 में साइबर अपराधइयों ने पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार की फेक फेसबुक प्रोफाइल बनाई थी। उस समय भी अपराधियों द्वारा पैसों की मांग की गई थी। 

दोस्तों से साइबर अपराधियों ने मांगे पैसे

हालिया मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जब इस मामले की जांच की तो आरोपियों का ठिकाना राजस्थान में मिला। नागपुर पुलिस की टीम राजस्थान के अलवर पहुंची और वहां से तीन आरोपियों सुरेंद्र प्रीतम सिंह, तौसीफ खान, संपत राम को गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब फेसबुक प्रोफाइल के जरिए ठगी की घटना को अंजाम दिया गया है। आज के दौर में यह आम हो गया है। लगभग हर किसी के पास ऐसे कुछ न कुछ साइबर अपराधियों के मैसेज जरूर आए होंगे। हालांकि कई बार लोग इस जालसाजी में फंसकर अपने पैसों का नुकसान करा लेते हैं।