मुंबई: वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एडीजी रश्मि शुक्ला को साइबर सेल ने समन जारी कर बुधवार 28 अप्रैल को साइबर सेल दफ्तर में आकर अपना बयान दर्ज करवाने को कहा है। रश्मि शुक्ला को साइबर सेल के एसीपी एन के जाधव के दफ्तर में आकर बयान दर्ज करवाने को कहा गया है। महाराष्ट्र डीजीपी संजय पांडे के आदेश के बाद ये जांच शुरू हुई थी।
25 अगस्त 2020 को जब रश्मि शुक्ला इंटेलिजेंस विंग की कमिश्नर थी तब उन्होंने एक खुफिया रिपोर्ट बनाकर तत्कालीन डीजीपी सुबोध कुमार जैसवाल को दिया था। सुबोध कुमार जैसवाल ने ये रिपोर्ट अपनी नोटिंग के साथ तत्कालीन एसीएस होम सीताराम कुण्ठे को दिया था और जांच की मांग की थी।
उस खुफिया रिपोर्ट में महाराष्ट्र में ट्रांसफर और पोस्टिंग का एक बड़ा रैकेट चलाये जाने की जानकारी दी गई थी जिसमें कई दलाल और होम डिपार्टमेंट के अधिकारियों के संलग्न होने की बात कही गई थी।
रश्मि शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने बिना राज्य सरकार ,होम डिपार्टमेंट की मंजूरी लिए कई मंत्रियों,आईपीएस अधिकारियों और ब्यूरोक्रेट्स के फोन टैप किये और उसे विरोधी पार्टियों के नेताओं को लीक कर अपने पद का दुरुपयोग किया। रश्मि शुक्ला ने विरोधी पार्टी के नेताओं के कहने पर ये किया ताकि विरोधी पार्टियों को इसका राजनीतिक लाभ मिले।
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके महाराष्ट्र के इस पोस्टिंग और ट्रांफेर रैकेट का भंडाफोड़ किया था और यह दावा किया था कि कई घंटों की रिकॉर्डिंग उनके पास है जो वो केंद्रीय गृह सचिव को देंगे।
इस टेप में कई आईपीएस अधिकारियों के नाम सामने आए थे जिनपर दलालों को पैसे देकर मनचाही पोस्टिंग मांगने का आरोप लगा। बाद में इन सभी आईपीएस अधिकारियों ने रश्मि शुक्ला और सुबोध कुमार जैसवाल के खिलाफ कोर्ट में मानहानि का दावा करने की इजाजत राज्य सरकार से मांगी।
इसी मामले में अब महाराष्ट्र की साइबर सेल जांच में जुट गई है। साइबर सेल इस टेप कांड की पूरी जांच कर अपनी रिपोर्ट डीजीपी को सौंपेगी। इस मामले में साइबर सेल में एफआईआर भी दर्ज किया गया है। एफआईआर नंबर है 02/2021 जिसमें भारतीय टेलिग्राफी एक्ट की धारा 30, आईटी एक्ट की धारा 43 और 46 के साथ ऑफिशियल सिक्रेट एक्ट 05 लगाई गई है।