नशे के खिलाफ मुंबई पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 75 लाख की ड्रग्स बरामद, 3 आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया और आज कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने आगे की जांच के लिए तीनों आरोपियों को पुलिस कस्टडी में भेजा है।
मुंबई : मुंबई में पिछले कुछ समय से नशे का कारोबार बढ़ता जा रहा है। पुलिस प्रशासन इसे लेकर बेहद ही परेशान है। वह वक्त-वक्त पर छापेमारी करके इस कारोबार में शामिल अपराधियों को पकड़ते भी हैं लेकिन पुलिस पूरी तरह से इस जाल को नहीं तोड़ पा रही है। इसी बीच मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी कार्रवाई की है। मुंबई एंटी नारकोटिक्स सेल की वर्ली और कांदिवली यूनिट ने वडाला और गोरेगांव इलाके से 3 लोगों को गिरफ्तार किया है।
उत्तराखंड से आये थे ड्रग्स की सप्लाई करने
पुलिस ने 100 एमडीएमए टैबलेट भी बरामद की हैं, जोकि वडाला इलाके से एक 38 वर्षीय शख्स के पास से बरामद किया है। वहीं गोरेगांव इलाके से दो लोगों के पास से चरस ड्रग्स बरामद किया है। मुंबई क्राइम ब्रांच ने बरामद किए गए ड्रग्स की कीमत अंतराष्ट्रीय बजार में 75 लाख रुपए है। मुंबई पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक वडाला इलाके में ANC की वर्ली यूनिट ने छापेमारी कर एक घर से MDMA टैबलेट बरामद किया। वहीं ANC की कांदिवली यूनिट ने गोरेगांव इलाके से दो आरोपी को जो उत्तराखंड राज्य से ड्रग्स की सप्लाई करने आए थे। उनके पास से 60 लाख का चरस ड्रग्स बरामद किया।
इस माह की शुरुआत में भी हुई थी बड़ी कार्रवाई
वहीं इससे पहले सितंबर की शुरुआत में नवी मुंबई पुलिस ने ड्रग तस्करों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाकर लगभग 5 करोड़ कीमत की ड्रग्स को बरामद की थी। नवी मुंबई पुलिस आयुक्त मिलिंद भारंबे के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई में वाशी, कोपरखैरणे, खारघर और तलोजा पुलिस स्टेशनों के 6 स्थानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान कुल 74 विदेशी नागरिकों से पूछताछ की गई। एनडीपीएस और ओसपोर्ट अधिनियम के तहत कुल 5 मामले दर्ज किए गए हैं, इन 5 मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ 3 मामले एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किए गए।
छापेमारी में कोकेन समेत हाइड्रोक्लोराइड जब्त
इस छापेमारी में नवी मुंबई पुलिस ने 898 ग्राम कोकीन, 267 ग्राम एमडी, 4,96,26,000 लाख रुपये की प्रतिबंधित ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड की 36,640 स्ट्रिप्स जब्त की है। साथ ही भारत में अवैध रूप से रहने वाले आरोपियों के खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम के तहत भी 2 मामले दर्ज किए गए थे। इस दौरान जांच में 9 विदेशी नागरिकों के दस्तावेज गलत पाए गए। वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी भारत में रह रहे 31 लोगों को भारत छोड़ने का नोटिस जारी किया गया था। साथ ही डिजिटल फोरेंसिक जांच के लिए वाहन और मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक राजपत्र जब्त कर लिए गए।