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Hindi News महाराष्ट्र मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर की आवाज से बुजुर्ग की जान पर बन आई, खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर की आवाज से बुजुर्ग की जान पर बन आई, खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

मुंबई और महाराष्ट्र की मस्जिदों पर लगे अवैध लाउडस्पीकर और उससे होने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर MNS अध्यक्ष राज ठाकरे के आवाज उठाने के बाद से यह मुद्दा बड़ा राजनीतिक हथियार बन गया है लेकिन अब यह मुद्दा समस्या बनकर आम लोगों की जिंदगी पर भी असर डालने लगा है।

mosque loudspeaker- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO मस्जिद पर लगे लाउडस्पीकर की तेज आवाज ने बुजुर्ग के लिए खड़ी की परेशानी। (प्रतिकात्मक तस्वीर)

मुंबई (महाराष्ट्र): क्या मस्जिदों और मजारों के बाहर लगे लाउडस्पीकर की तेज आवाज किसी इंसान के लिए इतनी बड़ी परेशानी बन सकती है कि उसकी जान पर बन आये? लेकिन आपको बता दें कि मुंबई में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। यहां बार-बार पुलिस को शिकायत देने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से परेशान एक बुजुर्ग ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

क्या है पूरा मामला?
मुंबई और महाराष्ट्र की मस्जिदों पर लगे अवैध लाउडस्पीकर और उससे होने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर MNS अध्यक्ष राज ठाकरे के आवाज उठाने के बाद से यह मुद्दा बड़ा राजनीतिक हथियार बन गया है लेकिन अब यह मुद्दा समस्या बनकर आम लोगों की जिंदगी पर भी असर डालने लगा है। मुंबई के वडाला में रहनेवाले एक 75 साल के एक पूर्व नौसैनिक के लिए लाउडस्पीकर और उसकी तेज आवाज इतनी बड़ी परेशानी बन गई है कि अब उनकी जान पर बन आई है।

महेंद्र सप्रे 2017 में नौसेना से रिटायर्ड हुए महेंद्र सप्रे अपनी पत्नी जो कि Indian Chemical Technologies (ICT) में प्रोफेसर है, उनके साथ संस्था की फेकल्टी बिल्डिंग में रहते है। वडाला में इनकी बिल्डिंग के ठीक सामने बंगालीपुरा स्लम है जहां की मस्जिदों और मजारों के ऊपर अवैध तरीके से लगाए गए लाउडस्पीकर और उसकी तेज आवाज से बेहद परेशान है। महेंद्र सप्रे के दिल में तीन स्टेंट लगे हुए है और उन्हें तेज आवाज से बेहद परेशानी होती है। डॉक्टर ने उन्हें ज्यादा आराम और नींद पूरी करने की सलाह दी है लेकिन महेंद्र का कहना है कि लाउडस्पीकर की तेज आवाज के चलते वो सो नहीं पाते। उनका कहना है कि इस बंगालीपुरा स्लम में कुल 19 लाउडस्पीकर अलग-अलग मस्जिदों या मजार पर लगे है जिनसे एक-एक करके तेज आवाज पर अजान होती है।

महेंद्र ने बताया कि उन्होंने पुलिस कंट्रोल में 500 से ज्यादा बार इसकी शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई। उनके बिल्डिंग के ठीक सामने इन लाउडस्पीकर के अलावा सेंट्रल लाइन की लोकल चलती है जिससे भी तेज आवाज आती है। महेंद्र का कहना है कि उन्होंने अपनी इस समस्या को लेकर प्रभानमंत्री कार्यालय, सीएम कार्यालय, गृह मंत्रालय सभी को अपनी शिकायत ट्विटर पर टैग कर बताई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

कही से कोई उम्मीद नहीं दिखने पर महेंद्र ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक रिट पिटीशन दाखिल कर दी। उनके वकील प्रेरक चौधरी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के दिए आदेश के मुताबिक लाउडस्पीकर से ध्वनि प्रदूषण के कई कड़े नियम है जिसका यहां पालन नहीं हो रहा है। साथ ही वकील प्रेरक चौधरी ने बताया कि उनके क्लाइंट की सेहत ज़्यादा नाजुक है ऐसे में उन्हें हाईकोर्ट आना पड़ा क्योंकि पुलिस 500 से ज्यादा शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी। वकील ने यह साफ कर दिया कि यह मामला किसी धर्म के खिलाफ नहीं है बल्कि इस लाउडस्पीकर की इस तेज आवाज से आसपास के कई बिल्डिंग सोसाइटी के लोग परेशान है ऐसे में यह सिर्फ महेंद्र सप्रे की अकेले समस्या नहीं है बल्कि सैकड़ों लोगों की है।

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प्रेरक चौधरी ने बताया कि उनकी याचिका की पहली सुनवाई 12 अप्रैल को हुई थी और अब अगली सुनवाई 12 जून को होगी। वकील ने बताया कि कोर्ट ने लाउडस्पीकर और ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ दूसरी कई याचिका दाखिल की गई है उन्हें भी स्टडी करने को कहा है। इनका यह भी कहना है कि कोर्ट अगर उनकी याचिका को PIL बनाती है तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं क्योंकि यह लाउडस्पीकर की तेज आवाज ना सिर्फ उनके क्लाइंट बल्कि सैकड़ों लोगों को प्रभावित कर रही है।