मुंबई: बीमा पॉलिसी की बकाया रकम दिलाने के नाम पर जालसाजों के एक गिरोह ने बीमा लेने वाले शख्स को पौने चार करोड़ का चूना लगा दिया। महाठगी की यह घटना मुंबई में हुई है। पुलिस ने 4 जालसाजों को दिल्ली और उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है।
जानकारी के मुताबिक पश्चिमी मुंबई उप नगर के विलेपार्ले के रहने वाले एलआईसी एजेंट एवं अकाउंटेंट राजेंद्र मांडविया ने अपनी बेटी के नाम के 20 लाख 89 हजार 922 रुपए की बीमा पॉलिसी निकाली थी। पॉलिसी पूरी होने पर एक प्रीमियम नहीं भरने की वजह से उन्हें केवल बीमा पॉलिसी के 18 लाख 2 हजार 922 रुपए ही मिले। उन्होंने बीमा कंपनी से 2 लाख 87 हजार रुपए पाने के लिए क्लेम किया।
मांडविया बीमा की यह रकम पाने के चक्कर में जालसाजों के चंगुल में फंग गए। 4 जालसाजों ने उन्हें बीमा की रकम दिलाने का झांसा देकर उनके बैंक खातों से 3 करोड़ 88 लाख 10 हजार 988 रुपए की उड़ा लिए।
मांडविया ने विलेपार्ले पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवायी और मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई।
क्राइम ब्रांच को जांच में पता चला कि मांडविया के बैंक खाते से पैसे का ट्रांजेक्शन दिल्ली और उत्तर प्रदेश के नोएडा के 48 बैंक खातों में अलग-अलग हुआ है। इनमें ज्यादातर बैंक खाते फर्जी नाम-पते के आधार पर खोले गए थे। क्राइम ब्रांच की दो टीमों ने छानबीन कर दिल्ली एवं नोएडा से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तार लोगों की पहचान प्रियदर्शी शांतिलाल गंभीर उर्फ कपिल उर्फ राहूल गोयल उर्फ अमीत गुप्ता (36), विनय कुमार राजेंद्र कुमार उर्फ राहूल गोयल उर्फ रवि शर्मा (30), राजेंद्र कुमार दीपचंद्र कश्यप उर्फ सुशील माथुर, रवि कुमार शर्मा उर्फ तेजश्वी गोयल उर्फ अनुराग मित्तल उर्फ सुशील गुप्ता (38) और अजय त्रिलोकी कश्यप उर्फ बोस उर्फ गुप्ता (45) के रूप में हुई है। इन आरोपियों ने फर्जी कागजात के जरिए विभिन्न नामों से बैंकों में फर्जी खाते खुलवाए थे। इन खातों में ठगी के पैसों का ट्रांजेक्शन कर निकाले गए थे।