रत्नागिरी में निजी अस्पताल के डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज, कोरोना संक्रमित का चोरी-छिपे कर रहा था इलाज
पुलिस ने बताया कि डॉक्टर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 279, 270 और 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
रत्नागिरी। महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में एक निजी अस्पताल के डॉक्टर के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इस पर आरोप है कि वह चोरी-छिपे कोरोना संक्रमित व्यक्ति का इलाज कर रहा था। इस संक्रमित व्यक्ति की बुधवार रात अस्पताल में मौत होने के बाद मामला उजागर हुआ। पुलिस ने बताया कि यह शख्स दुबई से लौटा था। डॉक्टर ने मरीज के कोरोना संक्रमित होने और उसकी ट्रैवल हिस्ट्री प्रशासन को नहीं बताई।
पुलिस ने बताया कि डॉक्टर ने प्रशासन से सच्चाई छुपाई और मरीज की विदेश से आने की हिस्ट्री छुपाई, जबकि निजी अस्पतालों को भी मरीज की सारी जानकारी प्रशासन को उपलब्ध कराना अनिवार्य है। पुलिस ने बताया कि डॉक्टर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 279, 270 और 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस की जांच में पता चला है कि कोरोना वायरस से मरने वाला 50 वर्षीय व्यक्ति 17 मार्च को दुबई से यहां आया था। तबियत खराब होने पर वह निजी अस्पताल में भर्ती हुआ था। उसमें कोरोना के लक्षण सामने आने के बाद भी अस्पताल में जानकारी को छुपाया। रत्नागिरी जिले में कोरोना संक्रमण से यह पहली मौत है।
एनएससीआई स्टेडियम को बनाया जाएगा निगरानी केंद्र
मुंबई नगर निगम ने वर्ली स्थित एनएससीआई स्टेडियम को ऐसे लोगों की निगरानी के लिए केंद्र बनाने का फैसला किया है, जिनके कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों के संपर्क में आने की आशंका है। नेशनल स्पोर्ट्स क्लब ऑफ इंडिया (एनएससीआई) परिसर में स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल स्टेडियम, वर्ली कोलीवाडा इलाके से लगा है। वर्ली कोलीवाडा मुंबई में कोरोना वायरस से सबसे प्रभावित इलाकों में है।
स्टेडियम में आमतौर पर बैडमिंटन लीग मैच, कबड्डी मैच, हास्य कार्यक्रम और विवाह समारोह आयोजित किए जाते हैं। स्टेडियम का संचालन करने वाली डोम एंटरटेनमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक मजहर नाडियाडवाला ने कहा कि हमने इस स्थान को उन लोगों के लिए विशेष निगरानी केंद्र बना दिया है जिनके कोविड-19 रोगियों के संपर्क में आने की आशंका लगती है।