मुंबई: घाटकोपर में होर्डिंग गिरने का मामला, कोर्ट में बचाव पक्ष के वकील ने कहा- ये एक्ट ऑफ गॉड है
मुंबई के घाटकोपर में होर्डिंग गिरने का मामला कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट ने आरोपी भावेश भिंडे को 29 मई तक क्राइम ब्रांच की कस्टडी में भेजा है। वहीं कोर्ट में बचाव पक्ष के वकील ने कहा है कि ये एक्ट ऑफ गॉड है।
मुंबई: मुंबई के घाटकोपर में होर्डिंग गिरने का मामला कोर्ट में चल रहा है। इस घटना में 17 लोगों की मौत हुई थी। इस केस में बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट से कहा कि ये एक्ट ऑफ गॉड है। बता दें कि एक्ट ऑफ गॉड में ऐसी स्थितियों को शामिल किया जाता है, जो इंसानों के काबू से बाहर हों। जैसे भूकंप, बाढ़ या कोई अन्य प्राकृतिक आपदा। कुछ साल पहले फिल्म ‘ओएमजी-ओह माई गॉड’ में इसका खूब जिक्र हुआ था क्योंकि परेश रावल के निभाए किरदार कांजी लालजी मेहता की दुकान भूकंप में तबाह हो जाती है, लेकिन बीमा कंपनी उन्हें बीमा देने से इसलिए मना करती है क्योंकि ये एक्ट ऑफ गॉड है।
होर्डिंग गिरने के मामले में आरोपी की हुई पेशी
घाटकोपर होर्डिंग गिरने के मामले में आरोपी भावेश भिंडे को आज किला कोर्ट में पेश किया गया। क्राइम ब्रांच की यूनिट 7 में यह मामला चल रहा है। इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया गया है। बीते दिनों मुंबई के घाटकोपर इलाके में होर्डिंग गिरने से 17 लोगों की मौत हुई थी, जिसके आरोप एगो मीडिया के डायरेक्टर भावेश भिंडे पर लगे थे और उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने अपनी दलील में कही ये बात
कोर्ट में क्राइम ब्रांच ने बताया कि इस कंपनी के पास 4 और होर्डिंग थीं। इसमें पहले 16 की मौत हुई थी, जबकि अब ये संख्या 17 हो चुकी है। इस कंपनी के पैसे परिवार के पर्सनल अकाउंट से हैंडल किए गए।
पुलिस ने बताया कि जिस मार्केटिंग कंपनी ने प्रचार के लिए इन्हें कॉन्ट्रैक्ट दिया था, उनसे भी पूछताछ की गई है। आरोपी पर कई केस दर्ज हैं और आरोपी कई सालों से होर्डिंग की बिजनेस में है। पूरे मुंबई में इनके 20 से ज्यादा होर्डिंग हैं, जिनसे करोड़ों की कमाई होती है। कई होर्डिंग्स में निचले दर्जे का काम किया गया है। आरोपी की कई कंपनियां पहले से ब्लैक लिस्ट की गई हैं। क्राइम ब्रांच ने भावेश भिंडे की कस्टडी 4 दिनों के लिए और मांगी है।
बचाव पक्ष ने क्या कहा?
इस मामले में बचाव पक्ष ने कहा कि जमीन रेलवे की है और जीआरपी से अनुमति ली गई थी। जब यह होर्डिंग बननी शुरु हुई, उसका पहले डायरेक्टर कोई और था, उसके पहले ही अनुमति लेने की प्रकिया पूरी हो चुकी थी। इसमें पहले किसी भी सरकारी संस्था ने ऑब्जेक्शन नहीं किया। हम नकार नहीं सकते कि घटना हुई। लेकिन यह एक्ट ऑफ गॉड का मामला है। मौसम विभाग के मुताबिक, उस दिन तेज हवाएं चल रही थीं। जमीन के 40 फीट नीचे क्या था, इसे आप पता नहीं कर सकते।
इस मामले में पब्लिक सेंटीमेंट ने इन्वेस्टिगेशन पर प्रभाव डाला। बीएमसी ने दादर के सभी होर्डिंग गिरा दिए। क्या पहले इन्हें नोटिस दिया गया था? इस मामले में जांच के लिए पुलिस रिमांड की कोई जरुरत नहीं है।
वहीं पुलिस की दलील है कि जबसे ये होर्डिंग लगाई गई हैं, पूरा पैसा भावेश भिंडे हैंडल कर रहे हैं। भिंडे ही सर्वेसर्वा हैं। इसलिए जांच के लिए कस्टडी जरूरी है। कोर्ट ने आरोपी भावेश भिंडे को 29 मई तक क्राइम ब्रांच की कस्टडी में भेजा है।