Monkeypox: दुनियाभर में तेजी से फैल रहे मंकीपॉक्स नाम के संक्रमण ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है। WHO की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक 75 देशों में 16,000 से अधिक मंकीपॉक्स वायरस के मामले सामने आए हैं और पांच मरीजों की जान गई है। भारत में भी मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ने से लोगों के बीच डर का माहौल है। दिल्ली और केरल में कुल मिलाकर अब तक 5 मामले सामने आ चुके हैं। देश के कई राज्यों की सरकारें इसे लेकर सतर्क हो गई हैं। ऐसे में अब महाराष्ट्र सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई है।
मंकीपॉक्स को लेकर महाराष्ट्र सरकार की तैयारी
WHO ने कहा है कि मंकीपॉक्स के मामलों की अब तक 75 देशों में पुष्टि हो चुकी है। इसके 16,000 से अधिक मामले रिपोर्ट किए गए हैं। हालही में ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका से मामले सामने आए हैं। इस वायरस की भारत में दस्तक के बाद अब महाराष्ट्र सरकार भी अलर्ट हो गई है। मुंबई के केईएम अस्पताल में अभी से संदिग्ध मरीजों के लिए 38 बेड का एक वार्ड तैयार किया गया है। इसी तरह मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल के वार्ड नंबर 30 को मंकीपॉक्स के लिए आरक्षित किया गया है। इसमें सिर्फ संदिग्ध मंकीपॉक्स के मरीजों को ही रखा जाएगा। इतना ही नहीं जो मरीज इन देशों से आ रहे हैं जहां मंकीपॉक्स के केस सबसे जायदा मिले हैं, उन देशों से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर ही स्क्रीनिंग की जा रही है।
मुंबई में मंकीपॉक्स का एक भी मामला नहीं
महाराष्ट्र सरकार इस वायरस को लेकर सजग हो गई है और इससे निपटने के लिए तैयारी में जुट गई है। ऐसे में बीएमसी ने मंकीपॉक्स वायरस को लेकर निर्देश जारी किए हैं। बीएमसी ने स्पष्ट किया है कि अब तक मुंबई में मंकीपॉक्स का एक भी मामला नहीं आया है। राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस पर कहा कि महाराष्ट्र में मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ विभाग को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
कस्तूरबा अस्पताल में बनाया अलग वार्ड
जानकारी के लिए बता दें कि मंकीपॉक्स के लक्षण बेहद सामान्य हैं। बुखार, बदन दर्द, खुजली उल्टी होना इसके लक्षणों में से एक हैं। महाराष्ट्र सरकार ने संदिग्ध मामलों के लिए मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल में एक अलग वार्ड बनाया है जहां 38 बेड रखे गए हैं। इतना ही नहीं कस्तूरबा अस्पताल में मंकीपॉक्स की टेस्टिंग भी की जा रही है। ICMR की तरफ से जो टेस्टिंग किट मिले हैं उसका इस्तेमाल किया जा रहा है और फाइनल रिजल्ट के लिए पुणे लैब में भेजा जाता है। संदिग्ध मामलों के सैंपल NIV पुणे में भेजे जाएंगे। सारे स्वास्थ्य विभागों को सूचित किया गया है कि अगर एक भी संदिग्ध मामला मिलता है तो उन्हें कस्तूरबा अस्पताल में भेजा जाए। अब तक 2 मामले संदिग्ध आए थे जो बाद में नेगेटिव साबित हुए।