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महाराष्ट्र: आदित्य ठाकरे के खिलाफ चुनाव लड़ सकती है मनसे, भतीजे को हराने के लिए राज ठाकरे ने बनाया ये खास प्लान

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने सियासी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। ऐसे में मनसे प्रमुख राज ठाकरे वर्ली विधानसभा सीट से अपने भतीजे के खिलाफ ही उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं।

मनसे प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (UBT) के नेता आदित्य ठाकरे- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO-PTI मनसे प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (UBT) के नेता आदित्य ठाकरे

महाराष्ट्र में अगले कुछ महीनों में विधानसभा के चुनाव हैं। राज्य में सभी पार्टियों ने सियासी गठजोड़ और चुनावी रणनीति पर चर्चा शुरू कर दी है। महाराष्ट्र के युवा नेता व पूर्व सीएम के बेटे आदित्य ठाकरे के खिलाफ उनके चाचा राज ठाकरे खेल बिगाड़ सकते हैं। आदित्य ठाकरे के खिलाफ राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) चुनाव लड़ सकती है। आदित्य ठाकरे अभी वर्ली विधानसभा सीट से विधायक हैं। इसी सीट पर मनसे अपना उम्मदीवार उतार सकती है। 

संदीप देशपांडे को वर्ली से उतार सकती है मनसे

2024 के लोकसभा चुनाव में वर्ली में शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-UBT) उम्मीदवार की बढ़त 7,000 से भी कम रहने के मद्देनजर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अवसर का लाभ उठाकर आगामी विधानसभा चुनाव में इस सीट से संदीप देशपांडे को मैदान में उतार सकती है। वर्तमान में शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे इस सीट से विधायक हैं। 

काफी हाई फाई और झुग्गी बस्तियों वालों सीट है वर्ली

दक्षिण लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा वर्ली विधानसभा सीट ऊंची इमारतों और संपन्न व्यापारिक संस्थानों का केंद्र माना जाता है। इस इलाके में पुलिस कॉलोनी और बीडीडी चॉल जैसी कई झुग्गी-बस्तियां भी हैं। जो पुनर्विकास का इंतजार कर रही हैं। इस इलाके में कई झुग्गी-बस्ती पुनर्वास परियोजनाएं काफी समय से रुकी हुई हैं। 

राज ठाकरे ने सीएम से की मुलाकात

मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से शनिवार को मुलाकात कर वर्ली से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की थी। वर्ली से जुड़ी चिंताओं पर ध्यान केंद्रित किए जाने के मद्देनजर यह बैठक महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, बैठक के बाद शिंदे ने अधिकारियों को वर्ली से संबंधित मुद्दों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। मनसे नेता देशपांडे वर्ली निवासियों की समस्याओं को दूर करने के लिए उनके साथ सक्रिय रूप से संवाद बनाए हुए हैं। 

2019 के चुनाव में इस सीट से मनसे ने नहीं लड़ा था चुनाव 

मनसे ने 2019 के विधानसभा चुनाव में वर्ली से अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था, क्योंकि शिवसेना (UBT) प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे अपना पहला चुनाव लड़ रहे थे। चुनावी राजनीति में प्रवेश करने वाले ठाकरे परिवार के पहले सदस्य, आदित्य ने 62,247 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। इसके बावजूद 2024 के लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में शिवसेना (UBT) की बढ़त में काफी गिरावट देखी गई। लोकसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार अरविंद सावंत मात्र 6,715 मतों से आगे रहे, जो मुंबई दक्षिण के अंतर्गत आने वाले छह विधानसभा क्षेत्रों में से उन चार में सबसे कम है। जहां शिवसेना (UBT) नेता अपने प्रतिद्वंद्वी से आगे रहे। 

इस बार मनसे को इस सीट पर दिख रहा अवसर 

मनसे को इस क्षेत्र में अब एक संभावित अवसर दिख रहा है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सत्तारूढ़ गठबंधन या मनसे एक साथ चुनाव लड़ेंगे या नहीं। मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए वर्ली में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। 

आदित्य ठाकरे की पहुंच आम जन तक नहीं- मनसे

मनसे नेता देशपांडे ने कहा, '2017 के नगर निगम चुनावों में हमने (मनसे ने) वर्ली में लगभग 30,000 से 33,000 वोट हासिल किए थे। इस निर्वाचन क्षेत्र में मनसे के समर्पित मतदाता हैं।' मनसे ने दावा किया कि आम लोगों की आदित्य ठाकरे तक पहुंच नहीं है। देशपांडे ने कहा, 'यहां सवाल पहुंच का है। लोगों को ऐसा विधायक चाहिए, जो सुलभ हो लेकिन मौजूदा विधायक के साथ ऐसा नहीं है।'

भाषा के इनपुट के साथ