'ओबीसी आरक्षण बचाओ' सभा से अजित पवार गुट के मंत्री ने जरांगे पाटिल को दी चेतावनी, बोले- मुझे मत छेड़ वरना मैं तुझे छोडूंगा नहीं
छगन भुजबल ने आज OBC सभा में मराठा आंदोलन के बड़े चेहरे जरांगे पाटिल को निशाना बनाया। मंत्री ने ललकारा कि अगर आपने पक्षपात किया तो ओबीसी भी शांत नहीं बैठेगा, जैसे को तैसा जवाब दिया जाएगा।
जालना: महाराष्ट्र में इन दिनों मराठा आंदोलन बनाम ओबीसी आंदोलन बनता नजर आ रहा है। आज जालना के अम्बड़ तालुका में OBC समुदाय के लोगों ने सभा की। इस सभा में अजित पवार गुट के मंत्री और ओबीसी के सबसे बड़ा चेहरा छगन भुजबल भी शामिल हुए। छगन भुजबल ने सभा को संबोधित करते हुए मराठा आंदोलन पर खूब निशाना साधा। बता दें कि इसी तालुका के एक गांव में मनोज जरांगे पाटिल भूख हड़ताल पर बैठें है। साथ ही मराठा आंदोलन के सूत्रधार जरांगे पाटिल को चेतावनी तक दे डाली। छगन भुजबल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा मंडल आयोग ने ओबीसी को आरक्षण दिया है और शरद पवार ने मंडल आयोग को राज्य में लागू किया, मंडल आयोग को वीपी सिंह ने स्वीकार किया और तब जाकर 27 प्रतिशत आरक्षण दिया।
"तेरी तरह ससुराल की रोटी नहीं खाता"
छगन भुजबल ने आगे कहा हमने शरद पवार साहब से विनती की कि मंडल कमीशन को लागू किया जाए। भुजबल ने मनोज जरांगे पर तंज कसते हुए कहा कि मराठा आरक्षण का एक नया भगवान पैदा हुआ है, ये सुबह उठते हैं और कहते है कि हमारे बच्चे तो क्या दूसरों के बच्चे नहीं हैं, मनोज जरांगे पाटिल कहता है कि मैं 2 साल बेसन की रोटी खा रहा था। उससे कहना चाहता हूं कि मैं भी 2 साल जेल में था और बेसन रोटी खा रहा था। अब अपने मेहनत की रोटी खाता हूं, तेरी तरह ससुराल की रोटी नहीं खाता।
"छत्रप्रति ने मुगलों की महिलाओं को भी माता जैसा सम्मान दिया"
मंत्री ने कहा कि इस आंदोलन में पुलिस ने लाठीचार्ज किया। 70 पुलिस महिला कॉन्स्टेबल सहित हॉस्पिटल में दाखिल हुए। पुलिस ने मनोज जरांगे पाटिल को हॉस्पिटल ले जाने की विनती की लेकिन वह नहीं माना। अरे छत्रप्रति शिवाजी महाराज ने मुगलों की महिलाओं को भी माता जैसा सम्मान दिया है और आपने महिला कॉन्स्टेबल पर हमला किया।
शरद पवार को पूरा सच नहीं बताया गया
मंत्री भुजबल ने आगे कहा कि लाठीचार्ज के बाद मनोज जरांगे पाटिल रात को घर चले गए। फिर उसके घर रात को 3 बजे रोहित पवार और राजेश टोपे गए और सुबह शरद पवार को लेकर आए, उनको (शरद पवार) अगर सच बताया होता तो परिस्थिति अलग होती। शरद पवार साहब एक बेहतरीन प्रशासक है, पर उनको पूरा सच नहीं बताया गया। मंत्री भुजबल ने दावा किया कि आंदोलन में सभी को कोड नंबर दिए गए थे, उन्होंने कुछ के नाम गिनवाए कि 1 नंबर प्रकाश सोलंके , जयदत्त क्षीरसागर-31 नंबर।
"मुझे मत छेड़ वरना मैं तुझे नहीं छोडूंगा"
मंत्री ने फिर कहा कि आंदोलन में पेट्रोल बम फेंक कर लोगों के घर जला दिए गए, उनके घर में भी बच्चे हैं। छत्रपती शिवाजी महाराज ने अपने लोगों के घर नहीं जलाए। जरांगे पाटिल को मैं कहना चाहता हूं की मुझे मत छेड़ वरना मैं तुझे नहीं छोडूंगा। हमारी मांग यही ही कि जाति आधारित जनगणना हो, सभी यही मांग कर रहे हैं, ये जैसे ही होता है तो फिर जनगणना करने पर दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। कुनबी सर्टिफिकेट मिलने पर ओबीसी की सुविधा मिल जाएगी। क्या आप गलत सर्टिफिकेट देंगे, 60 प्रतिशत ओबीसी बीजेपी को मतदान करते है।
"क्या महाराष्ट्र में आपकी जमींदारी है"
मंत्री ने कहा कि आंदोलन कर आपने नेताओं की गांव में बंदी करा दी। क्या महाराष्ट्र में 7/12(आपकी जमींदारी) है, आप लोग मुझे फोन करके कहते हैं कि आपके पोस्टर फाड़ दिए हैं। सरकार है या नहीं, पुलिस है या नहीं, आपने अगर पक्षपात किया तो ओबीसी भी शांत नहीं बैठेगा, जैसे को तैसा जवाब दिया जाएगा। मेरा सवाल है कि अगर ओबीसी का आरक्षण चला जाएगा तो फिर ये 60 प्रतिशत क्या आपको वोट करेंगे? मैंने कभी मराठा का द्वेष नहीं किया मैं तो शरद पवार जो मराठा हैं, उनके साथ रहा आज अजित पवार के साथ हूं। पंढरपुर के भगवान को भी क्या अब तुमने अपनी जात लगा दी?
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