मराठा आरक्षण पर हो रही थी पीसी, शिंदे और फडणवीस की फुसफुसाहट हो गई लीक; VIDEO
मराठा आरक्षण को लेकर आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस जब प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे तब मराठा आरक्षण को लेकर दोनों के बीच की एक छोटी सी बातचीत लीक हो गई।
महाराष्ट्र में इस वक्त मराठा आरक्षण को लेकर सियासत से लेकर सड़क, हर जगह कोलाहल मचा हुआ है। वहीं इस मुद्दे को लेकर आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस जब प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे तब मराठा आरक्षण को लेकर दोनों के बीच की एक छोटी सी बातचीत लीक हो गई। इस वीडियो में दिख रहा है कि सीएम शिंदे, डीसीएम फडणवीस और अजित पवार मराठा आरक्षण पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए आते हैं।
तभी मराठी में शिंदे ने फड़णवीस से कहा: बोलेंगे, फ्री हो जाएंगे और चले जाएंगे (पीसी से)।
डिप्टी सीएम अजित पवार का जवाब: हां... हां...
डिप्टी सीएम फडणवीस शिंदे के कान में फुसफुसाते हैं: माइक चालू है...
अजित पवार इस दौरान माइक चेक करते हैं और शिंदे को सूचित करते हैं: माइक चालू है...
अरविंद सावंत बोले- ये आरक्षण नहीं देने वाले
वहीं इस वीडियो के सामने आने के बाद उद्धव गुट के नेता अरविंद सावंत ने कहा कि मराठा आरक्षण के लिए तड़प रहा है, लेकिन प्रेस कांफ्रेंस के पहले मुख्यमंत्री कहते हैं कि बात करके हम लोग निकल जाएंगे। यह दिखाता है कि आरक्षण को लेकर यह कितने गंभीर हैं। मैं लिख कर देता हूं कि यह लोग आरक्षण नहीं देने वाले हैं। हर बार सिर्फ झूठ बोलते हैं। पहले हिंदू मुसलमान करते थे, अब मराठा-ओबीसी के बीच झगड़ा लगा रहे हैं।
वीडियो पर सीएम शिंदे ने दी सफाई
वहीं इस वायरल वीडियो पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने सफ़ाई दी है। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने अपनी सफ़ाई में ट्वीट कर कहा, "मराठा आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक के बाद सह्याद्री अतिथि गृह पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के पहले मेरा और डिप्टी सीएम फडणवीस अजित पवार के बीच का संवाद सोशल मीडिया पर गलत तरह से एडिट कर फैलाया जा रहा है। मराठा आरक्षण पर सरकार पहले से ही संवेदनशील है। कानूनी तौर पर आरक्षण कैसे मिले इसलिए प्राथमिकता से सरकार काम कर रही है। आरक्षण पर सभी राजनैतिक दलों को बुलाकर सहमति के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
सीएम शिंदे ने कहा, " सरकार ने इतनी बेहतर भूमिका ली है। वीडियो क्लिप गलत तरह से एडिट कर उसे लोगों के मन मे गलत जानकारी दी जा रही है। इसकी हम निंदा करते हैं,यह निंदनीय कृत्य है। संवेदनशील विषय पर सरकार कड़े कदम उठा रही है। सोशल मीडिया के माध्यम से गलत जानकारी पेश करना इस काम की जितनी निंदा करें उतना कम ही है।
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