महाराष्ट्र में जारी मराठा आरक्षण आंदोलन ने राज्य के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की नींद उड़ा दी थी। हालांकि, आखिरकार मराठा आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने अपना अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त कर दिया है। इस अनशन के समाप्त होने के कदम को सीएम एकनाथ शिंदे के लिए राहत देने वाली बात बताई जा रही है। बता दें कि बीते दिन सीएम का एक प्रतिनिधिमंडल जरांगे से मिलने जालना गया था।
आदमी की सरकार- सीएम शिंदे
मनोज जरांगे पाटिल द्वारा अनशन समाप्त किए जाने के कदम से सीएम शिंदे भी खुश नजर आए। उन्होंने कहा कि यह न्याय करने वाली सरकार है, यह आम आदमी की सरकार है। उन्होंने कहा कि ये सरकार सकारात्मक काम करना चाहती है और सभी को ध्यान में रखकर फैसले लेती है। मनोज जरांगे पाटिल ने अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी है। मैं उन्हें और पूरे सकल मराठा समाज को धन्यवाद देना चाहता हूं।
टिकाऊ आरक्षण देंगे
सीएम एकनाथ ने शिंदे ने कहा है कि सरकार मजबूत तरीके से आरक्षण टीक सके, इसको लेकर कदम उठा रही है। सरकार और हमारे सभी मंत्री इस कोशिश में है,की किस तरह से इस मामले को सुलझाया जाए। शिंदे के मुताबिक, नेता और कानून जानकारों के द्वारा जरांगे पाटिल को बताया गया है कि ये सरकार किस तरह से गंभीर रूप से काम कर रही है। शिंद ने बताया कि जो दो महीने का समय हमें मिला है, उसमे हम इस काम को लेकर आगे बढ़ेंगे और सरकार अन्य कामों को लेकर भी आगे काम करेंगी।
कानून तोड़ने वालों पर कार्रवाई
सीएम एकनाथ शिंदे ने राज्य की कानून व्यवस्था पर भी बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखना सरकार का काम है और उसमे नागरिकों को भी सहयोग देने की आवश्यकता है। शिंदे ने कहा कि जिन लोगों ने राज्य में तोड़फोड़ की है और आगजनी जैसी वारदातों को अंजाम दिया है उन पर मामला दर्ज होगा और कार्रवाई की जाएगी।
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