महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जारी आंदोलन के बीच बुधवार को सीएम एकनाथ शिंदे ने अपनी कैबिनेट के साथ बैठक की। इस बैठक के बाद सीएम शिंदे ने बताया कि जिन लोगों के पास निजाम काल के दस्तावेज हैं, उन्हें 'कुनबी' प्रमाणपत्र दिया जाएगा। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अनशन पर बैठे मनोज जरांगे ने सरकार को आरक्षण पर फैसले के लिए 4 दिनों की मोहलत दी थी।
कमेटी गठन पर फैसला
सीएम शिंदे ने कहा है कि इस मामले में एक रिटायर्ड जज के साथ पांच आधिकारियों की कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है। ये कमेटी कुनबी मराठा के मुद्दे और मांग पर काम करेगी। निजाम काल से जो मराठा कुनबी दाखिले हैं उसपर काम किया जाएगा। ये कमेटी सभी बातों की जांच पड़ताल करेगी और उन लोगो को दाखिला देने का काम करेगी। कमेटी अपनी रिपोर्ट 1 महीने के भीतर सरकार को सौंप देगी।
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अनशन छोड़ दें जरांगे
सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार मराठा आरक्षण पर काम कर रही है और मराठाओं को आरक्षण देगी। उन्होंने मराठा आरक्षण के लिए अनशन पर बैठे मनोज जरांगे से अनशन त्यागने की अपील की। वहीं, सीएम ने कहा कि लाठी चार्ज के मामले में जिले के एसपी को छुट्टी पर भेज दिया गया है। वहीं, मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के पक्ष में है।
इंडिया-भारत विवाद पर भी बोले
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि भारत नाम पर जो लोग विरोध कर रहे हैं वह गलत हैं। भारत माता की जय- यही हमारी घोषणा होती है, हम भारत के नागरिक हैं और यही हमारे संविधान में लिखा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का गौरव दुनियाभर में बढ़ाया है। प्रधानमंत्री देश को महासत्ता की ओर ले जा रहे हैं। विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वह इकट्ठा हुआ है। उन्होंने दावा किया कि देश की जनता ने तय किया है कि 2024 में मोदी सरकार को ही पूर्ण बहुमत से चुन कर देना है।